मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की स्थिति में अभूतपूर्व सुधार दर्ज किया गया है. बेहतर प्रबंधन, सख्त निगरानी और संसाधनों के प्रभावी उपयोग से निगम का वार्षिक परिचालन घाटा घटकर 300 करोड़ रुपये रह गया है जबकि पिछली सरकार के कार्यकाल में यह घाटा करीब 1000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.
सुरक्षित और समयबद्ध सेवाओं पर फोकस
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार रोडवेज यात्रियों को सुरक्षित, समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है. निगम ने यात्रियों की जरूरतों के अनुसार रूट नेटवर्क और बस सेवाओं का निरंतर विस्तार किया है, जिससे यात्रा सुविधाएं अधिक व्यवस्थित और भरोसेमंद बनी हैं.
810 नई बसें खरीदीं, 352 अनुबंधित बसें जोड़ी गईं
बेहतर मॉनिटरिंग और ईंधन प्रबंधन के चलते डीज़ल की खपत में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे परिचालन खर्च में बड़ी बचत हुई है. पिछले एक वर्ष में 810 नई बसों की खरीद की गई हैंं, और 352 बसों को अनुबंधित कर रोडवेज नेटवर्क को सशक्त किया गया है, इससे निगम की सेवाएं यात्रियों के लिए अधिक लाभकारी बनी हैं. और आमदनी में स्थिरता आई है.
सरकार का लक्ष्य घाटा पूरी तरह से समाप्त करना
राज्य सरकार अब रोडवेज के बेड़े में 800 नई बसें और शामिल करने की तैयारी कर रही है. इससे यात्रियों को और अधिक सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध परिवहन सुविधाएं मिल सकेंगी. सरकार का लक्ष्य परिचालन घाटे को पूरी तरह समाप्त कर निगम को लाभ की स्थिति में लाना है.
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