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आसाराम पर बनी सीरीज 'Saint or Sinner' को लेकर बवाल, लीगल टीम कर रही कानूनी लड़ाई की तैयारी

आसाराम के ऊपर बनी सीरीज का वीडियो जारी करते हुए आसाराम कैंप में हंगामा मच गया है. इस सीरीज के खिलाफ कानून लड़ाई की तैयारी की जा रही है.

आसाराम पर बनी सीरीज 'Saint or Sinner' को लेकर बवाल, लीगल टीम कर रही कानूनी लड़ाई की तैयारी

Asaram Documentary Series: नाबालिग से यौन शोषण के मामले दोषी आसाराम को इलाज के लिए कोर्ट से जमानत मिली है. लेकिन एक चैनल ने इन दिनों आसाराम की मानसिक सेहत को हिला डाला है. आसाराम को संत या पापी के रूप में दिखाने की कोशिश करने वाली इस सीरीज का एक वीडियो रिलीज किया गया है, जिससे आसाराम कैंप में हलचल शुरू हो गई है. हालांकि भक्तों से अपील की जा रही है कि वह इस वीडियो को न देखें और सीरीज भी आए तो इसे न देखें. सीरीज बनाने वालों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, इसके लिए आसाराम की लीगल टीम ने कवायद शुरू कर दी है.

दरअसल, आसाराम जेल की सजा काट रहा था और बीते माह ही 11 साल बाद जमानत मिली थी. वह कुछ दिन जोधपुर के आश्रम में रहा, फिर अहमदाबाद आश्रम में पहुंच कर इलाज करवा  रहा है. आसाराम कैंप में 31 मार्च तक मिली राहत के दौरान उसके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, भक्तों को जोड़े रखने और 10 हजार करोड़ से ज्यादा के साम्राज्य को फिर से संभालने में व्यस्त हुआ ही था कि एक चैनल ने आसाराम पर सीरीज जारी करने की घोषणा 

बताया गया है कि यह सीरिज 2013 में यौन शोषण के दोषी ठहराए गए आसाराम के विवादास्पद मामले की पड़ताल करती है. यह उनके विशाल अनुयायियों, आध्यात्मिक शिक्षाओं और उनके कथित हेरफेर और सत्ता के दुरुपयोग के अंधेरे पक्ष पर भी रोशनी डालेगी. 

इसमें, उसके मुकदमे, दोष सिद्धि और देश को हिला देने वाले इस कांड तक पहुंचने वाली घटनाओं का विवरण दिया गया है. इसमें बताया गया है कि कैसे आसाराम एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक गुरु से जोधपुर की पोक्सो अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा पाने तक पहुंच गया. इलाज के लिए मिली जमानत के बाद उसकी विरासत और न्याय प्रणाली के बारे में सार्वजनिक बहस फिर से शुरू हो गई है.

पहले भी बनी फिल्म पर हुआ था विवाद

आसाराम के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील पीसी सोलंकी पर आधारित फिल्म को लेकर भी आसाराम कैंप की ओर से विरोध जताया गया था. मई 2023 में आसाराम बापू ट्रस्ट ने मनोज बाजपेयी अभिनीत फिल्म 'बस एक बंदा ही काफी है' को लेकर फि‍ल्‍म निर्माताओं को नोटिस जारी किया था. नोटिस में आसाराम के किरदार को नेगेटिव तरीके से दिखाने के साथ आसाराम की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई थी. आसाराम के वकीलों के द्वारा 3 दिन में एक्शन नहीं लेने पर लीगल कार्रवाई के लिए भी लिखा गया था. बाद में रिलीज पर रोक के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया था.

किताब पर भी हुआ था विवाद

आसाराम केस की अगुवाई करने वाले आईपीएस अजयपाल लांबा तथा संजीव माथुर ने आसाराम केस को लेकर ‘गनिंग फॉर द गॉडमैन' किताब लिखी थी, जिस पर भी विवाद हुआ था. निचली अदालत ने इस किताब के प्रकाशन और बिक्री पर रोक लगा दी थी, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.

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