ACB Action: ऊपर तस्वीर में सफेद घोड़े के साथ लुक दे रहा ये शख्स राजस्थान का एक सरकारी मुलाजिम है. स्मार्टनेस तो अच्छी बात है लेकिन इस स्मार्टनेस के पीछे अपने काम की मर्यादा तोड़ते हुए लोगों को तंग करना, अवैध पैसे यानि की रिश्वत मांगना इनके शगल में शामिल है. इस बात की तस्दीक तब हुई जब गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस सरकारी अधिकारी के खिलाफ 10 लाख की रिश्वत मांगने का केस दर्ज किया. मामला सवाई माधोपुर जिले का है. जहां के खण्डार तहसीलदार धमेंद्र तसेरा के खिलाफ एसीबी ने 10 लाख की रिश्वत मांगने का केस दर्ज किया है.
खण्डार तहसीलदार धर्मेंद्र तसेरा पर घूसखोरी का मामला
मिली जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो सवाई माधोपुर ने खण्डार तहसीलदार धमेन्द्र तसेरा के खिलाफ दस लाख रुपए की रिश्वत मांगने का प्रकरण दर्ज किया है. आरोपी ने पीड़ित से 82 बीघा जमीन के सीमाज्ञान, पत्थर गढ़ी तथा नक्शा तरमीम के बदले दस लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी. एसीबी मामले की जांच कर रही है.
26 जुलाई को परिवादी ने दी थी शिकायत
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एएसपी सुरेन्द्र कुमार शर्मा के अनुसार परिवादी आलोक पारीक ने 26 जुलाई 2024 को सवाई माधोपुर एसीबी कार्यालय में आकर आरोपी खण्डार तहसीलदार के खिलाफ शिकायत दी. जिसका सत्यापन करवाया गया तो तहसीलदार खण्डार द्वारा परिवादी से उक्त कार्य के बदले 10 लाख रुपए स्वयं एवं अन्य स्टाफ के लिए मांग की गई और 15 दिन बाद सम्पर्क करने के लिए कहा.
82 बीघा जमीन के सीमाज्ञान से जुड़ा मामला
जानकारी के अनुसार स्व. द्वारका प्रसाद पारीक की 82 बीघा जमीन खण्डार तहसील में है. उक्त भूमि पर परिवादी आलोक पारीक ने सीमाज्ञान, पत्थर गढ़ी, नक्शा तरमीम करने की दरख्वास्त डेढ़ साल पूर्व तहसील में पेश की थी. परिवादी ने कई माह तक तहसील के चक्कर लगाए, लेकिन तहसीलदार कोई ना कोई बहाना कर कार्य नहीं कर रहा था और इशारों में पैसे के लेनदेन की बात करता था.
परिवादी ने सीएमओ में भी लगाई थी अर्जी
परेशान होकर परिवादी ने मुख्यमंत्री कार्यालय में भी अर्जी लगाई थी. सीएम कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए तुरंत कलेक्टर सवाई माधोपुर को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए. इस पर कलेक्टर ने खण्डार तहसीलदार को नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई कर अवगत कराने के निर्देश दिए. परिवादी आदेशों की क्रियांविती करवाने के लिए बार-बार तहसीलदार से सम्पर्क किया.
तहसीलदार ने ढाई लाख रुपए लिए
लेकिन तहसीलदार द्वारा परिवादी से उक्त कार्य नहीं करने का दबाव बनाकर दो लाख 50 हजार रुपए पूर्व में लेकर तीन लाख रुपए की ओर मांग कर बार-बार बहाने लगाकर परेशान करता रहा. इस पर परिवादी ने एसीबी में शिकायत दी, जिसके बाद एसीबी ने आरोपी खण्डार तहसीलदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है.
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