Rajasthan News: राजस्थान के डीग जिले की कामा पुलिस ने एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है जो सेक्सटॉर्शन के जरिए न्यूड वीडियो बनाकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था और ठगी को अंजाम देता था. कामा थाना आधिकारी ने बताया कि डीएसटी टीम ने गस्त के दौरान एक ठग को गिरफ्तार किया था, जिसके मोबाइल फोन को चेक किया गया तो उसमें दो फर्जी वॉट्सऐप बने हुए थे, जिसमें लड़की की डीपी लगी हुई थी. जब उसकी फोन की गैलरी को चेक किया गया तो उसमें न्यूड वीडियो और ट्रांजैक्शन का स्क्रीनशॉट, लड़कियों की फांसी लगी हुई फोटो आदि साइबर ठगी जैसी संबंधित चीजें मिली.
ऐसे चलता था ठगी का पूरा धंधा
इसके बाद पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह वॉट्सऐप के जरिए वीडियो कॉलिंग करके समाने वाले शख्स की न्यूड वीडियो रिकॉर्ड कर लेता था. फिर पुलिस की फर्जी आईडी बनाकर सामने वाले शख्स को पुलिस अधिकारी बनकर फोन करके बोलते था कि जिस महिला के साथ आपकी न्यूड वीडियो बनी है, उस महिला ने फांसी लगा ली है, जिसकी फांसी लगी हुई फर्जी फोटो को सामने वाले शख्स को भेजे देता था. फिर उसको डरा धमका कर ब्लैकमल करके लाखो रुपये की ठगी को अंजाम देते थे.
बढ़े, जवान, बच्चे कर रहे ठगी
डीग भरतपुर का मेवात एरिया साइबर ठगी के मामले में देश विदेश में विख्यात है. यहां आए दिन अन्य राज्यों की पुलिस साइबर ठगों को पकड़ने के लिए ढेरा डाले रहती है और राजस्थान पुलिस के सहयोग से साइबर ठगो को पकड़ कर ले जाती है. मेवात क्षेत्र के अंदर साइबर ठगी का कार्य बूढ़े, जवान, बच्चे करते हैं और एक गैंग के रूप में इस कार्य को अंजाम देते हैं. इस ठगी को करने वाले अधिकतर नौजवान बेरोजगार और अनपढ़ होते हैं. फिर भी अपने शातिर दिमाग से वे देश के भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर उसके साथ ठगी करते हैं.
सेक्सटॉर्शन और OLX के जरिए ठगी
सबसे पहले साइबर ठग एक एनरोइड मोबाइल और फर्जी सीम लेते हैं. फिर उसमें एक फेक लड़की की फेसबुक प्रोफाइल बनाते हैं और फेसबुक पर अधिकतर बूढ़े और सर्विसमेन लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और मैसेंजर पर हाय हेलो करके सामने वाला शख्स का वॉट्सऐप नंबर ले लेते हैं. फिर सामने वाले शख्स को उत्तेजित करके वॉट्सऐप वीडियो कॉलिंग पर लाते हैं और दूसरे एनरोइड मोबाइल से लड़की की फर्जी पोर्न वीडियो दिखाकर सामने वाले शख्स की आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड कर लेते हैं. फिर होता है ब्लैकमेलिंग का कारनामा चालू.
पुलिस चला रही ऑपरेशन एंटीवायरस
साइबर ठग फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर फोन करते हैं और कहते हैं कि आपकी हमारे पास आपत्तिजनक वीडियो आई है. इसको अगर सेटलमेंट करना है तो मुकदमा क्लोज करने के लिए पैसे डालने पड़ेंगे. पुलिस की फर्जी कॉल से घबराकर सामने वाला शख्स सेटलमेंट के लिए राजी हो जाता है और उनके बताए हुए फर्जी खाते में करोड़ों की राशि ट्रांजैक्शन कर देता है और फिर 20 परसेंटेज कमीशन के वेश पर निकलवा लेते हैं. भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश के द्वारा इन साइबर ठगों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन एंटीवायरस चलाया जा रहा है, जिसके तहत लगातार साइबर ठगों को चिन्हित करके डीग एसपी राजेश कुमार मीना के नेतृत्व में साइबर ठगो के उपर कार्रवाई करके सलाखों के पीछे डाला जा रहा है.
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