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This Article is From Apr 13, 2024

Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान में गरमाई सियासत, नागौर में 400 कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी, संकट में हनुमान!

Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव के समय नागौर में कांग्रेस पार्टी के 400 कार्यकर्ताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है. इस सीट पर आरएलपी से कांग्रेस का गठबंधन है, और हनुमान बेनीवाल संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं.

Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान में गरमाई सियासत, नागौर में 400 कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी, संकट में हनुमान!
नागौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल.

Rajasthan News: राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर अपना खाता खोलने की जद्दोजहद में जुटी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. शुक्रवार को नागौर (Nagaur) में कांग्रेस के 400 कार्यकर्ताओं ने एक साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. सूत्रों का कहना है कि इससे पार्टी संकट में पड़ गई. यह जब ऐसे समय पर हुआ है जब लोकसभा चुनाव के फस्ट फेज की वोटिंग का दिन करीब है, और कांग्रेस (Congress) ने नागौर लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के साथ गठबंधन किया है, और इसे आरएलपी के लिए खाली छोड़ दिया है.

बेनीवाल की शिकायत पर एक्शन से आक्रोश

कांग्रेस ने यहां नागौर सांसद और आरएलपी चीफ हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) को मैदान में उतारा था. इस बीच, बेनीवाल की शिकायत के आधार पर नागौर से भाजपा उम्मीदवार ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) के पक्ष में प्रचार करने के आरोप में सोमवार को तीन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया. इन कांग्रेस नेताओं जिनमें पूर्व विधायक भाराराम, कुचेरा नगर पालिका चेयरपर्सन तेजपाल मिर्धा और सुखाराम डोडवाडिया शामिल थे, के निलंबन के तुरंत बाद नागौर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया. निलंबन का विरोध करते हुए तीनों कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

'नागौर में कांग्रेस को नष्ट कर रहे हनुमान'

इस बीच, तेजपाल मिर्धा ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा, 'विधानसभा चुनाव के दौरान नागौर में कांग्रेस मजबूत स्थिति में थी. उसने आठ में से चार सीटें जीतीं. लोकसभा चुनाव में भी उसकी स्थिति उतनी ही मजबूत थी. इसके बावजूद, आरएलपी के साथ गठबंधन क्यों किया गया. हनुमान बेनीवाल एक उपकरण हैं जो नागौर में कांग्रेस को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे व्यक्ति के साथ गठबंधन करने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गहरा झटका लगा है. इसलिए हम सभी अपना सामूहिक त्याग पत्र दे रहे हैं.'

'यह गठबंधन हम पर थोपा गया है'

तेजपाल ने आगे कहा, 'कांग्रेस आलाकमान ने स्थानीय कांग्रेस राज्य इकाई की सहमति के बिना आरएलपी के साथ गठबंधन किया. यह गठबंधन हम पर थोपा गया है. आरएलपी ने पूरे जिले में कांग्रेस को हराने के लिए काम किया था. हमने कभी भी भाजपा के साथ मंच साझा नहीं किया. फिर भी, बेनीवाल ने निष्कासित कर दिया.' उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने बिना किसी सूचना या कारण बताओ नोटिस के सीधे तुगलकी फरमान जारी कर हमें पार्टी से निकाल दिया. अब कांग्रेस वह पार्टी नहीं रही जो पहले हुआ करती थी. यहां एक व्यक्ति अपनी मर्जी से पार्टी चला रहा है. यह जरूरी है कि कांग्रेस आलाकमान तक यह संदेश पहुंचे कि पार्टी खुद को खत्म कर रही है.'

ज्योति मिर्धा के भाई को पार्टी से निकाला

हाल ही में बेनीवाल ने अपने एक अभियान में कहा था कि कांग्रेस में पांच से सात ऐसे कार्यकर्ता हैं जो कांग्रेसियों के भेष में भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं, ऐसे लोगों को बाहर कर देना चाहिए. यही बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष जाकिर हुसैन और राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी कह रहे हैं. सोमवार की रात, कांग्रेस ने तीन पार्टी कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए निलंबित कर दिया, जिसमें तेजपाल मिर्धा भी शामिल थे, जो ज्योति मिर्धा के चचेरे भाई हैं.

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