
Jodhpur: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने बड़े बेटे कार्तिकेय की शादी के बाद बहू अमानत को लेकर सपरिवार दिल्ली लौट आए हैं. यह शादी राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी जोधपुर के ऐतिहासिक उम्मेद भवन पैलेस में गुरुवार (6 मार्च) को हुई जिसमें राजस्थान और देश की कई जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की. समारोह तीन दिन चला जिसमें बारात में पिता शिवराज सिंह चौहान ने अपने छोटे बेटे कुणाल के साथ जमकर डांस भी किया. इससे पहले संगीत कार्यक्रम में भी शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ गाने "चांद सा रोशन चेहरा" पर डांस किया. शिवराज की पत्नी साधना सिंह ने अपनी दोनों बहुओं के साथ "मेरे घर आई एक नन्ही परी" गाने पर डांस किया.
जोधपुर का जताया आभार
शादी के बाद दिल्ली लौटने से पहले शिवराज सिंह इस पूरे पारिवारिक समारोह से काफी अभिभूत नज़र आए. उन्होंने शुक्रवार को जोधपुर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात की.
उन्होंने कहा,"मैं जोधपुर की इस पवित्र धरती को प्रणाम करता हूं. हमें बेटी मिली है और बेटी ले जा रहे हैं. जोधपुर में जो सहयोग मिला वह अद्भुत है उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता. मैं सभी का आभार प्रकट करता हूं. जोधपुर प्रेम, अपनत्व, करुणा, दया, शौर्य और वीरता की पहचान है."
कार्तिकेय और अमानत को आठवें वचन के रूप में प्रकृति की सेवा का वचन दिलाया। आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती सुरक्षित रहे, इसलिए दोनों बच्चों ने अपने जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ सहित अन्य मंगल अवसरों पर पौधरोपण का संकल्प लिया है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 7, 2025
बच्चों, मानव जीवन अमूल्य है, ये लोक के कल्याण के लिए है।… pic.twitter.com/lqKzonX82s
बहू नहीं बेटी है अमानत
शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी ने बार-बार अपनी बहू को बेटी कहकर संबोधित किया. शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना चौहान ने कहा कि वो यहां से बहुत प्यारी बिटिया को लेकर जा रहे हैं. शिवराज ने कहा,"बेटी ईश्वर की अनमोल देन है. वही दुर्गा, वही लक्ष्मी, वही सरस्वती है. बेटी के बिना दुनिया नहीं चल सकती. बेटी नहीं बचाओगे तो कल कहां से लाओगे."
चौहान ने कहा कि उन्होंने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान बेटियों के लिए कई योजनाएं बनाईं. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ उनके जीवन का मिशन रहा है. उन्होंने साथ ही दहेज प्रथा की निंदा करते हुए इसे महा पाप बताया.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने शादी के सात फेरे लेते समय वर और वधू से एक और वचन लिया. उन्होंने कार्तिकेय और अमानत को आठवें वचन के रूप में प्रकृति की सेवा का वचन दिलाया.
शिवराज ने फेरों के समय वचन दिलवाते समय कहा,"हमें दोनों परिवारों का मान-सम्मान निभाते हुए औरों के लिए भी जीना है. उसका एक साकार स्वरूप पर्यावरण है.आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती सुरक्षित रहे इसलिए अपने जन्मदिन, अपनी शादी की सालगिरह, पूर्वजों की स्मृति में, और जब नन्हे-मुन्ने बच्चे आए तो उनके जन्मदिन पर भी आपको पेड़ ज़रूर लगाना है."