
Rajasthan SI Paper Leak Case: राजस्थान में एसआई भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक मामले में पूर्व सीएम के पीएसओ रहे राजकुमार यादव और उनके बेटे की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से अशोक गहलोत निशाने पर आ गए हैं. एसओजी की कार्रवाई के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि यह केवल कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि लाखों मेहनती युवाओं के सपनों पर चोट है. मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने साथ काम करने वाले लोगों के चयन में पूरी सतर्कता बरतें.
PSO पर क्या बोले मदन राठौड़
मदन राठौड़ ने आगे कहा कि किसी भी संवेदनशील पद पर व्यक्ति को रखने से पहले उसकी निष्ठा, आचरण और पृष्ठभूमि की पूरी तरह जांच होना अनिवार्य है. यह ऐसे में और जरूरी हो जाता है, जब पीएसओ जैसा पद हो. पीएसओ सीधे तौर पर सीनियर अफसर के संपर्क में रहता है. वहां नियुक्ति में किसी भी प्रकार की लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है.
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने साफ किया कि हमारी सरकार की नीति बिलकुल साफ है. चाहे कोई कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, सब के लिए कानून बराबर है और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. भविष्य में कोई भी राजस्थान में भर्ती प्रक्रियाओं के साथ खिलवाड़ करने की हिम्मत न कर सके, इसके लिए दोषियों को कठोरतम सजा दिलाई जाएगी.
अशोक गहलोत की सिक्योरिटी में रहे राजकुमार यादव
बता दें कि एसआई भर्ती पेपर लीक में गिरफ्तार प्रोबेशनर सब इंस्पेक्टर सत्येंद्र सिंह यादव ने पूछताछ में बताया कि उसने परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र आयुक्तालय जयपुर में तैनात हेड कॉन्स्टेबल राजकुमार यादव से ले लिया था. हेड कॉन्स्टेबल राजकुमार यादव अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान उनकी सिक्योरिटी में रहे और बाद में बीजेपी सरकार बनने के बाद उन्होंने गहलोत के पीएसओ के रूप में काम किया.
एसओजी की जांच में पता चला कि राजकुमार यादव ने अपने बेटे भरत और परिचित रविन्द्र सैनी को भी लिखित परीक्षा से पहले ही लीक प्रश्नोत्तर सेट पढ़ाया. राजकुमार यादव से मिले लीक प्रश्नपत्र को परीक्षा से पहले पढ़कर सत्येंद्र सिंह मैरिट लिस्ट में 12वें नंबर पर और रविन्द्र सैनी 156 वें स्थान पर रहा है.
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