SI Paper Leak Case: राजस्थान पुलिस में नौकरी के लिए हुई एसआई भर्ती परीक्षा (2021) को रद्द करने की मांग को लेकर जयपुर में दो युवक पानी की टंकी पर चढ़ गए हैं. पिछले 24 घंटे से प्रशासन की उन्हें समझाने की सारी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं. विकास बिधूड़ी और लादू गोदारा नाम के ये दोनों युवक खुद को बेरोज़गार बता रहे हैं. उनकी मांग है कि जब तक उनके प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं होती है, तब तक वो नीचे नहीं उतरेंगे. उन्होंने एक वीडियो जारी कर मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द इस भर्ती परीक्षा को रद्द कर बेरोजगारों के साथ न्याय करे.
टंकी के नीचे लगाई गई जाली
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, सिविल डिफेंस की टीम पहुंच गई है. एहतियात के तौर पर टंकी के नीचे चारों तरफ जाली लगा दी गई है. इस बीच दोनों युवकों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने नीचे उनका समर्थन कर रहे उनके कुछ साथियों को हिरासत में ले लिया है, हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है.
वहीं सोशल मीडिया पर युवकों के इस तरह से प्रदर्शन का समर्थन किया जा रहा है और परीक्षा रद्द करने की मांग का मुद्दा सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है.
(मामले में मुख्य आरोपी आपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और रामू राम राईका)
प्रशासन की समझाने की सारी कोशिश नाकाम
जयपुर के हिम्मतनगर इलाके में रविवार दोपहर लगभग एक बजे ये दोनों युवक टंकी पर चढ़ गए. वो अपने साथ बैनर लेकर गए हैं जिसे उन्होंने टंकी पर टांग दिया है. इसमें 7 कारण बताते हुए सवाल किया गया है कि सरकार इस परीक्षा को रद्द क्यों नहीं कर रही है. उन्होंने हाथ में मेगाफोन लिया हुआ है. उनकी दलील है कि अब ये साफ हो चुका है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य बाबूराम कटारा ने परीक्षा के एक महीने पहले ही आयोग के सदस्यों को बांट दिए थे.
युवाओं को समझाने के लिए जयपुर की डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम समेत कई अधिकारियों ने कई प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली. प्रशासनिक अधिकारियों ने युवकों से नीचे उतर कर सक्षम अधिकारियों से बात करने की अपील की लेकिन दोनों युवकों ने इनकार कर दिया.
अदालत के फैसले पर टिकी है नजर
इस परीक्षा के मामले में 20 लोगों पर आरोप लगे हैं. इनकी जमानत याचिका पर पिछले सप्ताह हाईकोर्ट में सुनवाई।हुई थी. यह सुनवाई आखिरी दौर में है. जानकारों का मत है कि हाईकोर्ट का फैसला आगे की राह निर्धारित करने में मददगार साबित होगा. बीते शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभी पक्षों को आज तक एक एक पन्ने में फाइनल सबमिशन लिखित में देने के लिए कहा है. एसओजी भी इस मामले में आज फाइनल फ्रेश रिपोर्ट कोर्ट में सौंपेगी. इसके बाद ही कोर्ट की ओर से फैसला सुनाया जाएगा.
जानकारों के अनुसार इस मामले में अदालत का फैसला काफी महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि इस मामले में अब तक किसी आरोपी पर दोष सिद्ध नहीं हुआ है. अगर हाईकोर्ट जमानत देता है तो इससे जांच एजेंसी को झटका लगेगा. साथ ही इससे भर्ती रद्द करने की मांग भी कमजोर हो सकती है. इस परीक्षा को रद्द करने की मांग ने पिछले कुछ समय से ज़ोर पकड़ा है. ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि पिछले महीने मुख्यमंत्री के विदेश दौरे से लौटने के बाद भजनलाल सरकार परीक्षा रद्द करने के बारे में कोई फैसला कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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