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Sindoor Tree: अजमेर में है 'सिंदूर का पेड़', इसका फल केवल बंदर खाते हैं, महिलाएं भरती हैं अपना सिंदूर 

Rajasthan: धार्मिक अनुष्ठानों, हनुमान और गणेश पूजन से लेकर माता वैष्णो देवी की यात्रा तक, लोग इस प्राकृतिक सिंदूर को साथ ले जाते हैं और इसे देवताओं को अर्पित करते हैं.

Sindoor Tree: अजमेर में है 'सिंदूर का पेड़', इसका फल केवल बंदर खाते हैं, महिलाएं भरती हैं अपना सिंदूर 
खास बात यह है कि इस फल को केवल बंदर ही खाते हैं

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर, एक ऐसा नाम जो भारतवासियों के मन में वीरता, शहादत और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना को जागृत करता है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जब निर्दोष नागरिकों की जान गई और सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, तब इस अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया. यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि उन लाल रंग की बूंदों का प्रतीक बन गया जो देश की रक्षा में बहा दी गईं.

परंतु सिंदूर का एक दूसरा रूप भी है, जो भारतीय संस्कृति में सुहाग, आस्था और धार्मिकता से जुड़ा है. अजमेर के कुंदन नगर क्षेत्र में स्थित अशोक जालोटिया के घर का बगीचा आज इसी सिंदूर की एक पवित्र प्रतीक बन चुका है. यहां वर्षों पुराना एक अनोखा वृक्ष खड़ा है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में कमीला कहा जाता है. इस पेड़ से प्राप्त होने वाला सिंदूर पूरी तरह प्राकृतिक होता है, जो रासायनिक मिलावट से मुक्त और धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है.

महिलाएं भरती है इस सिंदूर से अपनी मांग

यह पेड़ अब पूरे इलाके में ‘सिंदूर का पेड़' कहलाने लगा है. महिलाएं इस पेड़ से प्राप्त सिंदूर को मांग में भरने के लिए बड़े श्रद्धा से लेने आती हैं. धार्मिक अनुष्ठानों, हनुमान और गणेश पूजन से लेकर माता वैष्णो देवी की यात्रा तक, लोग इस प्राकृतिक सिंदूर को साथ ले जाते हैं और इसे देवताओं को अर्पित करते हैं.

क्षेत्र में आस्था का केंद्र है यह सिंदूर का पेड़

जगदीश विजयवर्गीय, जो वहीं के निवासी हैं, बताते हैं कि वे इस पेड़ के सिंदूर को अपनी पत्नी की मांग में प्रतिदिन भरते हैं. यह केवल एक पेड़ नहीं, बल्कि श्रद्धा, परंपरा और भक्ति का केंद्र बन चुका है. खास बात यह है कि इस फल को केवल बंदर ही खाते हैं, अन्य पशु-पक्षी इसे नहीं छूते, जिससे लोगों की आस्था और भी गहरी हो गई है.

ऑपरेशन सिंदूर के वीरों का बलिदान और अजमेर के इस पेड़ की पवित्रता, दोनों ही रूपों में सिंदूर, भारत की आत्मा का रंग है. यह केवल एक रंग नहीं, बल्कि भावना है, जिसमें आस्था, त्याग, परंपरा और देशभक्ति सभी समाहित हैं.

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