Rajasthan News: अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) के बाहर 'सिर तन से जुदा' के नारे लगाने वाले मामले में अंतिम बहस पूरी हो गई है. कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले में छह आरोपियों को बरी कर दिया है, जिसमें खादिम गौहर चिश्ती (Khadim Gauhar Chishti) भी शामिल है. वहीं, हैदराबाद में गौहर चिश्ती को शरण देने वाला अभी फरार है. उसे लेकर आगे सुनवाई होनी है.
देश भर में चर्चा में रहा था अजमेर का यह मामला
राजस्थान के अजमेर का यह केस देशभर में खासा चर्चा में रह चुका है. ADJ संख्या चार के न्यायाधीश द्वारा आज इस केस में फैसला सुनाया गया है. इस केस में पेशी के लिए गौहर चिश्ती को हाई सिक्योरिटी जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया. इस मामले में पिछले 2 साल से माननीय न्यायालय के समक्ष ट्रायल चल रही थी. इस दौरान सरकारी वकील के द्वारा 22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए थे.
17 जून को अजमेर में लगे थे विवादित नारे
विशिष्ट लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारूकी ने बताया कि 17 जून 2022 को अजमेर के दरगाह थाना इलाके में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की सीढ़ियों के बाहर से मौन जुलूस निकाला गया था. उससे पहले एक सभा में ‘सर तन से जुदा' के नारे लगाए गए थे. उसके बाद 28 जून को उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड सामने आया था. उसमें आतंकी सोच के साथ दो हत्यारों ने टेलर कन्हैयालाल की चाकू से गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी थी.
लोक अभियोजक ने कहा- हाईकोर्ट में करेंगे अपील
विशिष्ट लोक अभियोजक गुलाम नजमीन ने बताया कि इस मामले में कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले कि वह हाईकोर्ट में अपील करेंगे और मामले की अच्छे से स्टडी भी करेंगे. बरी होने वालो में दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती, ताजिम सिद्दीकी, फखर जमाली, नासिर, रियाज हसन और मोईन बरी शामिल हैं. वहीं गोहर चिश्ती को हैदराबाद में शरण देने वाले के खिलाफ चार्जशीट अभी पेश होनी बाकी है, क्योंकि वो अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आया है.
यह भी पढ़ें - 2 साल से घर में रखी अस्थियां, बेटे ने अभी तक नहीं कटवाए बाल; कैसी जिंदगी जी रहा कन्हैयालाल टेलर का परिवार