Social anxiety disorder in Hindi: आप किसी पार्टी, ऑफिस मीटिंग या मार्केट में हैं और अचानक घबराहट की वजह से आपका दिल तेजी से धड़कने लगता है. धीरे-धीरे आपके हाथ-पैर पसीने से तर होने लगते हैं और उस भीड़ से जल्द से जल्द निकलने का ख्याल आपके दिमाग में घूमने लगता है. अगर आपके साथ ऐसा अक्सर होता है तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह पैनिक अटैक का संकेत है जो सोशल एंजायटी डिसऑर्डर के रूप में चुपचाप आपकी लाइफस्टाइल पर दस्तक देता है. और अगर आप समय रहते इस समस्या को नहीं संभाल पाए तो आप अपनों का साथ खो सकते हैं. इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है. इसके छिपे हुए संकेतों को पहचानकर इसे पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है.
सोशल एंजायटी डिसऑर्डर के क्या है लक्षण
भीड़ भाड़ में हाथ-पैर और माथे से पसीना आना
इस डिसऑर्डर के छिपे हुए लक्षण ज़्यादातर लोगों को दिखाई देते हैं, फिर भी वे अक्सर उन्हें नजरंदाज कर देते हैं, जैसे ही वे भीड़ में जाते हैं, उनके हाथ, पैर और माथे पर अचानक पसीना आने लगता है.
बड़ों से बात करते होती है आवाज में कंपकंपी
अक्सर, किसी सीनियर या बड़े व्यक्ति से बात करते समय आपकी आवाज कांपने लगती है, या घबराहट के कारण आपका चेहरा लाल हो जाता है.
लोगों के सामने खाना-पीना खाने में शर्म आना
भीड़ में या पार्टी में लोगों के सामने खाने-पीने में शर्म महसूस होना, क्योंकि हाथ मिलाने का डर सताता रहता है. किसी सीनियर अधिकारी या बड़ों से फ़ोन पर बात करने में डर लगना, सिर्फ मैसेज करके अपना काम करवाना पसंद करना.
सालों पुरानी गलती को याद करना
सालों पुरानी छोटी गलती को बार-बार याद करके खुद को कोसना, और हर छोटी बातचीत को पहले से दिमाग में तैयार करना.
ऊपर बताए गए ये लक्षण धीरे-धीरे आपके मन में एक गंभीर बीमारी को जन्म देते हैं, जिससे आपकी रोजमर्रा की ज़िंदगी मुश्किल हो जाती है. और आपको इसका पता बहुत बाद में चलता है, जब तक आप इसकी चपेट में आने लगते हैं.
सोशल एंजायटी डिसऑर्डर से बचने के उपाय
4-7-8 सेकंड सांस का अपनाएं फार्मूला
ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट इसके लक्षणों को पहचानकर इससे छुटकारा पाने का इलाज बताते हैं, इसके लिए आप घर पर कुछ आसान उपाय आजमाकर इसे हरा सकते हैं. इसके लिए आपको 4 सेकंड तक सांस लेनी चाहिए, 7 सेकंड तक रोककर रखना चाहिए और 8 सेकंड में धीरे-धीरे छोड़ना चाहिए. इससे एंजायटी तुरंत कम हो जाती है.
अजनबी से सिर्फ 'हाय-हैलो
छोटे-छोटे कदम उठाएं जैसे किसी अजनबी से 'हाय-हेलो' कहना, फिर धीरे-धीरे बातचीत बढ़ाना; हर छोटी जीत का जश्न मनाएं.
नकारात्मक विचारों को मन में न आने दें
खुद को पॉजिटिव रखें और खुद से पूछें, "सबसे बुरा क्या हो सकता है? और 5 साल या इससे ज्यादा इससे क्या फर्क पड़ेगा?"
5-10 मिनट करें माइंड मेडिटेशन
हर दिन कम से कम 5-10 मिनट माइंडफुलनेस मेडिटेशन करें, वर्तमान में रहने की प्रैक्टिस करें, हर दिन 30 मिनट वॉक करें, योग करें, 7-8 घंटे सोएं और चाय-कॉफी कम पिएं. इसके साथ ही अपनी फीलिंग्स अपने दोस्तों या परिवार के साथ शेयर करें, अकेले न रहें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
यह भी पढ़ें; सर्दियों में दही खाना फायदेमंद या नुकसानदायक? जानें सबसे जरूरी सवालों के जवाब