Rajasthan News: सूरजमुखी के बीज का तेल (सनफ्लावर ऑयल) आज हर किचन में आम है. यह खाना पकाने से लेकर तलने तक हर जगह इस्तेमाल होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका ज्यादा और असंतुलित उपयोग आपके लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है? आइए जानते हैं कैसे यह तेल लिवर के लिए खतरा बन सकता है.
ओमेगा-6 का असंतुलन क्यों है खतरनाक?
सूरजमुखी तेल में ओमेगा-6 फैटी एसिड (लिनोलेइक एसिड) की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. यह शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन ज्यादा मात्रा में लेने से नुकसान होता है. आज के आहार में ओमेगा-6 की मात्रा बहुत ज्यादा और ओमेगा-3 की बहुत कम है. यह असंतुलन शरीर में सूजन (इन्फ्लेमेशन) को बढ़ाता है, जो लिवर को कमजोर करता है.
लिवर में फैट जमा होने का खतरा
ज्यादा ओमेगा-6 का सेवन लिवर में फैट जमा कर सकता है. इससे नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का खतरा बढ़ता है. यह बीमारी लिवर में सूजन और सिरोसिस जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की 2012 की रिपोर्ट भी बताती है कि ओमेगा-6 कोलेस्ट्रॉल को बेहतर करता है, लेकिन सूजन और इंसुलिन प्रतिरोध पर इसका असर साफ नहीं है.
गर्म करने पर बनते हैं हानिकारक तत्व
सूरजमुखी तेल को ज्यादा गर्म करने पर ओमेगा-6 ऑक्सीडाइज होकर फ्री रेडिकल्स बनाता है. ये लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं. साथ ही ओमेगा-6 से बने प्रो-इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड्स सूजन को और बढ़ाते हैं, जिससे लिवर की सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
लिवर खराब होने के संकेत
लिवर ठीक से काम न करे तो शरीर संकेत देता है. थकान, पेट में भारीपन, पीलिया (त्वचा या आंखों का पीला पड़ना), और पाचन की समस्याएं इसके लक्षण हैं. इन संकेतों को नजरअंदाज न करें.
क्या करें बचाव?
सूरजमुखी तेल का इस्तेमाल सीमित करें. ओमेगा-3 से भरपूर चीजें जैसे मछली, अलसी, और अखरोट खाएं. संतुलित आहार लें और तेल को ज्यादा गर्म करने से बचें. अपने लिवर की सेहत के लिए आज से ही सावधानी बरतें.
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