मरूधरा में दूर तक पसरे रेत के धोरे, गर्म हवाओं और लू के थपेड़ों में पले-बढ़े डीडवाना के पर्वतारोही राजवीर नरूका ने बिल्कुल विपरित परिस्थिति में अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो तक की चढ़ाई कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. बर्फ की चोटियों से घिरे माउंट किलिमंजारो पर -15 डिग्री तापमान होता है. राजस्थान की तपती गर्मी से निकल कर किलिमंजारो को फतह करना राजवीर के लिए आसान नहीं था. लेकिन उन्होंने इसे पूरा कर बड़ा नाम अर्जित किया है. राजवीर डीडवाना जिले के ग्राम सिंगरावट कलां के रहने वाले हैं. गुरुवार को उनके अफ्रीका से लौटने पर डीडवाना में भव्य स्वागत किया गया.
पर्वतारोही राजवीर नरूका ने दक्षिण अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट किलिमंजारो पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके जिले और राज्य का नाम रोशन किया. उन्होंने पर्वत की चोटी पर 383 फीट लंबा तिरंगा फहराकर विश्व रिकॉर्ड भी कायम किया. पर्वतारोही राजवीर नरुका ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर को चोटी को फतह किया था.
इससे पहले पर्वतारोही राजवीर सिंह ने भारतीय पर्वतारोहण संस्थान में बेसिक और एडवांस पर्वतारोहण पाठ्यक्रम पूरा किया. उसके बाद उन्होंने अफ्रीका के इस पर्वत को फतह किया.
राजवीर ने बताया किलिमंजारो की ट्रैकिंग काफी खतरों से और चुनौतियों से भरपूर रही. उन्होंने 12 अगस्त को चढ़ाई शुरू की थी और लगातार बेस कैंप, पर रुक कर, रेस्ट करके हुए वह 15 अगस्त के दिन अफ्रीका के तंजानिया में स्थित इस चोटी पर देश का तिरंगा फहराया.
हर महाद्वीप पर तिरंगा लहराऊं, यही सपना हैः राजवीर
राजवीर ने कहा कि उनका यह सपना है कि हिन्दुस्तान का ध्वज हर महाद्वीप पर फहरा सकूँ. राजवीर की इस सफलता से क्षेत्र में खुशी का माहौल है. किलिमंजारो को फतह करने के बाद राजवीर नरूका का आज अपने घर डीडवाना लौटे. इस मौके पर स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया.
लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका भी कर चुकी हैं एवरेस्ट फतह
राजवीर से पहले डीडवाना के भवादिया गांव की बेटी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका राठौड़ भी दो बार एवरेस्ट फतह कर चुकी हैं. दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर पहुंचकर यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली महिला पर्वतारोही बन गई है।
दीपिका ने पहली बार 25 मई 2012 को माउण्ट एवरेस्ट फतह किया था.