
Broken Bell Clock: राजस्थान के नवाबी शहर टोंक का ह्रदय स्थल घंटाघर आज अपने हालात पर आंसू बहाता नजर आता है. टोंक शहर की शान रियासत काल आजादी से पूर्व टोंक के तत्कालीन नवाब सआदत अली खां द्दारा बनाये गए टोंक के घंटाघर की सुईया तक नगर परिषद की लापरवाही और उदाशीनता के चलते कई महीनों से बंद पड़ी है, जो कि किसी भी सूरत में किसी भी शहर के लिए वास्तुशास्त्र के अनुसार विकास के मामलों में ठीक नहीं है. वहीं बाहर से आने वाले लोगों के साथ ही टोंक के लोगों को भी समय दिखाने के मामले में यह भ्रमित करती है.
बंद सुईयां होती हैं विकास का बाधक
टोंक वह शहर जहां नवाबों का शासन रहा है, टोंक वह शहर भी है जहां से सचिन पायलट दूसरी बार विधायक बने हैं. उसी शहर की ह्रदय स्थली शहर के बीचों बीच मौजूद है. घंटाघर चौक जहां टोंक के नवाब सआदत अली ने आजादी से पहले घंटाघर का निर्माण करवाया था. वास्तु शास्त्र ओर ज्योतिषियों के अनुसार किसी भी घड़ी की रुकी हुई सुईयां विकास में बाधक होती हैं, लोग अपने घरों में बंद घड़ियां नहीं रखते टोंक में तो बात घंटाघर की है. टोंक का विकास कभी भी गति नहीं पकड़ पाया है, वर्तमान में चार घड़ियां तीन अलग-अलग समय बताती हैं और दो घड़ियां बंद हैं.

घड़ियों के बंद होने का सिलसिला
कभी टोंक में घंटाघर के टंकारो की आवाज दूर तक सुनाई देती थी. साथ ही लोगों को समय का ज्ञान भी हो जाता था. जितने बजे का समय होता था उतने ही टंकारो कि आवाज आती थी. वक्त आगे बढ़ता गया. इस ऐतिहासिक ईमारत की सुईया रुकने लगी. 7 साल पहले एक वक्त वह आया जब निजी लालच में नगर परिषद में बैठे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने ऐतिहासिक घंटाघर की घड़ियों की जगह क्वालिटी ओर गुणवत्ता की पहरवाह किए बगैर 4 नई घड़ियां लगवा दी. कुछ ही समय में बाद अक्सर यह घड़ियां बंद रहने लगी, और यह सिलसिला आज तक जग जाहिर है.
नगर परिषद कमिश्नर ने कहा जल्द ठीक करवाएंगे
टोंक नगर परिषद आयुक्त ममता नागर ने कहा कि जल्द ही इन घड़ियों को ठीक करवाया जाएगा और अगर ठीक नहीं होती है तो जो भी सम्भव होगा वह कार्य करके इसको ठीक करवाएंगे. वहीं पुरानी घड़ियों की भी जानकारी लेंगे.
ज्योतिष पंडित पवन सागर बोले
टोंक के ह्रदय स्थल घंटाघर की बंद पड़ी घड़ियों से पड़ने वाले प्रभावों को लेकर हमने टोंक के ज्योतिषी पंडित पवन सागर से जब बात की तो उन्होंने कहा कि किसी भी घर या शहर के विकास में बंद पड़ी घड़ियां बाधक होती हैं. ऐसे में टोंक के विकास में भी यह घड़ियां बंद होना अशुभ है. जिन्हें चालू करवाना चाहिए क्यो की बंद पड़ी घड़ियों से नकारात्मक दृश्य सामने उभर कर आता है.
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