शनिवार को जैसलमेर के दौरे पर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रामदेवरा में बाबा रामदेव का आशीर्वाद लिया. इसके बाद रामदेवरा से उड़ान भरने से पहले उन्होंने पोखरण विधायक और मंत्री सालेह मोहम्मद और जैसलमेर विधायक रुपाराम धनदेव के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद को भी खत्म कराया. सीएम ने दोनों कांग्रेस नेता को हेलीकॉप्टर में बिठाकर न केवल समझाया बल्कि दोनों के हाथ भी मिलवाए. ग़ौरतलब है कि दोनों के बीच लम्बे वक्त से राजनितिक खींचतान चल रही है. इसे ख़त्म करवाने के के लिए CM ने दोनों को कुछ इस तरह मिलवाया की तस्वीर वायरल हो गई. इसके बाद CM दोनों को अपने साथ हेलीकॉप्टर से सेतरावा भी ले गए.
मालूम हो कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक है और इस बार सरकार रिपीट के मिशन को लेकर डेमेज कंट्रोल के फॉर्मूले पर ख़ुद सीएम गहलोत काम कर रहे हैं. डेमेज कंट्रोल के प्रयासों की ही कड़ी में ही सीएम गहलोत ने आज हेलीकॉप्टर में मंत्री सालेह मोहम्मद व विधायक रूपाराम धनदेव को हाथ मिलवाकर आगामी चुनाव के लिए तैयारी का बड़ा संदेश भी दिया है.
जैसलमेर नगर परिषद चुनाव से चल रही थी खींचतान
जैसलमेर विधायक रूपाराम व कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के बीच खींचतान जैसलमेर के नगर परिषद चुनाव से शुरू हुई थी. जब मंत्री गुट ने निर्विरोध निर्वाचित पार्षद व पूर्व विधायक स्व. गोवर्धनदास कल्ला के भतीजे हरिवल्लभ कल्ला को नगर परिषद का चुनाव लड़ाकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 19 मत लेकर सभापति बनवा दिया था. जबकि धनदेव गुट के कमलेश कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर तीसरे स्थान पर रहे थे.
इस चुनाव से शुरू हुई लड़ाई पंचायती राज चुनावों में भी देखने को मिली. जिसके चलते जैसलमेर विधायक रूपाराम धनदेव ने कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के छोटे भाई अमरदीन फकीर की सम पंचायत समिति से टिकट काट दी थी.
ऐसे में आज सीएम ने दोनों के हाथ मिलवा कर ऑल इज गुड का संदेश दिया है.
यह लड़ाई जिला परिषद चुनाव में भी नजर आई जब कांग्रेस से मंत्री के भाई अब्दुल्ला फकीर का टिकट काट दिया गया. इस लड़ाई में जिला प्रमुख की सीट भाजपा ने जीत ली थी. जबकि कांग्रेस के पास 15 मे से 9 सदस्य थे.
माना जा रहा है की विधानसभा चुनाव को देखते हुए CM गहलोत ने दोनों के बीच समझौता करवाया ताकि विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा जाए.