कहते हैं इश्क करने की कोई उम्र नहीं होती, लेकिन इस कथनी को करनी में बदलने से पहले आपको सावधान रहने की जरूरत है नहीं तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है. ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजिए, जी हां! आपको यह समझना और जानना जरूरी है कि कहीं आपका प्रेमी नाबालिग तो नहीं क्योंकि कोर्ट को आपकी भावनाओं की परवाह वहीं तक है जहां तक आप कानून की नजर में सही हैं.
दरअसल राजस्थान के डूंगरपुर से नाबालिग के अपहरण मामले में कोर्ट ने जो फैसला सुनाया, वह अपने आप में ऐसे मामलों के लिए नजीर है. नाबालिग किशोरी ने कोर्ट में युवक के साथ सहमति से जाने की बात कही, लेकिन कोर्ट ने उसकी बात मानने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि नाबालिग की सहमित मंजूर नहीं की जा सकती.
इसके बाद स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग के अपहरण के मामले में उसके प्रेमी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही ढाई लाख रुपये जुर्माना भी भरने का आदेश दिया. हालांकि नाबालिग ने कोर्ट में युवक के साथ सहमति से साथ जाने की बात कही, लेकिन कोर्ट ने माना कि नाबालिग की सहमति मायने नहीं रखती.
लड़की के घर वापस नहीं आने पर परिवार के लोगों ने तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं लगा और पुलिस में मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने छानबीन करते हुए दो दिन बाद नाबालिग को 24 फरवरी 2022 को बरामद कर लिया. मामले में पुलिस ने जांच पूरी करते हुए पोक्सो कोर्ट में चालान पेश किया.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान नाबालिग पीड़िता ने आरोपी युवक के साथ सहमति से जाने के बात कही. लेकिन कोर्ट ने पीड़िता के नाबालिग होने की वजह से उसकी सहमति या असहमति की मान्यता नहीं होने का फरमान सुनाया. कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए शुक्रवार को फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी संजय को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. इसके अतिरिक्त दोषी पर ढाई लाख जुर्माना भरने का भी आदेश दिया.
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