राजस्थान सरकार द्वारा खोले गए अंग्रेजी मीडियम के सरकारी स्कूलों में स्टाफ नहीं होने के कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की पढाई पर बुरा असर पड़ रहा है. बुधवार को अनूपगढ़ के सेठ बुलचंद नागपाल सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में स्टाफ नहीं होने के कारण अभिवावकों ने विरोध प्रकट किया और स्कूल का मुख्य गेट बंद कर स्कूल के सामने ही अभिभावक छातों के साथ धरने पर बैठ गए.
स्कूल में शिक्षक नहीं होने का आरोप
अभिवावकों ने बताया कि स्कूल में 1 से 12वीं तक के करीब 1000 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल में सिर्फ 2 शिक्षक ही हैं. इससे बच्चों को पढ़ाई में काफी परेशानी हो रही है. अभिवावकों ने बताया कि पूर्व में डीईओ जितेंद्र कुमार को कई बार समस्या से अवगत करवाया गया है, लेकिन उन्होंने इस समस्या की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया.
अभिभावकों पर लगा अनुशासनहीनता का आरोप
मीडिया ने मामले पर डीईओ जितेंद्र कुमार से जानकारी लेना चाही तो डीईओ जितेंद्र कुमार ने बताया कि अभिभावकों को 7 अक्टूबर तक का शिक्षकों की उपलब्धता का आश्वासन दिया गया है. उन्होंने कहा कि अभिभावकों ने आज जो धरना लगाया है इसका कोई भी औचित्य नहीं है. अगर अभिभावक अनुशासनहीनता करते हैं तो उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाएगा.
अभिभावकों ने प्रशासन को दी चेतावनी
स्कूल के सामने धरने पर बैठे अभिभावकों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर तुरंत प्रभाव से विद्यालय में अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई तो सभी अभिभावक अपने बच्चों को इस विद्यालय से हटा लेंगे और किसी अन्य विद्यालय में दाखिला करवा देंगे.
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