प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बांसवाड़ा में भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीया के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में दिए गए ' जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको कांग्रेस पार्टी आपसे आपका मंगलसूत्र छीन कर दे देगी " वाले बयान पर सियासी घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं सहित विपक्ष के कई नेताओं ने मोदी पर मुसलमानों और आदिवासियों के अपमान का आरोप लगाया है. इस पर भारत आदिवासी पार्टी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे समाज को तोड़ने वाला बयान बताया है.
विपक्षी दलों के प्रहार हुए तेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने पलटवार करते हुए पीएम मोदी पर झूठ बोलने और हिंदू-मुसलमानों के बीच फूट डालने का आरोप लगाया है. पार्टी ने प्रधानमंत्री के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि उनके घोषणापत्र में ऐसा कोई वादा नहीं है. वहीं भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आदिवासी समाज में जहर बोने का प्रयास किया गया है और वह धर्म के नाम पर लोगों से वोट मांग रहे हैं जो आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन है.
दरअसल, रविवार (21 अप्रैल) को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने धन पुनर्वितरण सर्वेक्षण वादे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो देश की संपत्ति 'घुसपैठियों' और 'जिनके ज्यादा बच्चे हैं' को वितरित कर देगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी बयान के बाद से विपक्ष उन पर हमलावर हो गया है.
वागड़ की राजनीति में भी उफान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीया द्वारा कांग्रेस के मेनिफेस्टो आदिवासी समाज को लेकर दिए गए बयान पर वागड़ में भी राजनीति गरमा गई है. इसको लेकर भारत आदिवासी पार्टी ने प्रतिक्रिया देते हुए मतदाताओं से आह्वान किया है कि वह इसका जवाब 26 अप्रैल को होने वाले मतदान के दिन दे.
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