Rajasthan Shelter Home: नगर निगम अजमेर ने ठंड से बचने के लिए आश्रय विहीन लोगों को ठहरने के उचित प्रबंध किए हैं. पिछले 5 सालों से इस शहर में रैन बसेरा संचालित हो रहा है. अजमेर के पढ़ाओ क्षेत्र में तीन मंजिला रैन बसेरा बनाया है. यहां 60 बेड के साथ शौचालय, पेयजल और 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए इंदिरा रसोई में खाने की व्यवस्था बिल्कुल फ्री है.
रैन बसेरा के केयरटेकर फखरुद्दीन ने बताया कि ह्यूमन एनिमल नेचर सर्विस सोसायटी को संचालन का जिम्मा मिला है. रैन बसेरे में आने वाले लोगों को जीविका समूह की ओर से खाना उपलब्ध कराया जाता है. सात बजे तक आश्रय स्थल में आने वाले व्यक्तियों की मांग होने पर उन्हें खाना दिया जाता है. कई लोग बाहर से खाना खाकर सोने के लिए भी आते हैं.
होटल जैसी सुविधा
रैन बसेरा के केयरटेकर फखरुद्दीन ने बताया कि आने वाले लोगों से उनका पहचान पत्र और मोबाइल नंबर लेकर एंट्री की जाती है. एक व्यक्ति अधिकतम तीन दिनों तक ठहर सकता है. कई यात्रियों को रात हो जाने के कारण गांव जाना मुश्किल हो जाता है तो वह रैन बसेरा में ठहर जाते हैं. एनडीटीवी राजस्थान की टीम ने यहां की व्यवस्था का जायजा लिया तो साफ-सफाई से लेकर सभी तरह की सुविधाएं यहां उपलब्ध मिलीं.
सुरक्षा के इंतजाम
यहां आने वाले व्यक्तियों व उनके सामान की सुरक्षा की जाती है. इसके लिए बाकायदा रैन बसेरा भवन को सीसीटीवी कैमरे से लैस रखा गया है. सामान रखने के लिए लॉकर की व्यवस्था भी की गई है. वहीं रात्रि प्रहरी के रूप में एक पुरुष को रखा गया है. सुरक्षा की दृष्टिकोण से महिलाओं को सबसे ऊपरी तल्ले पर रहने की व्यवस्थाओं की गई है. वहीं लाइट और पंखे की भी व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन औसतन पचास लोग यहां रात्रि विश्राम के लिए पहुंचते हैं. इसमें सबसे ज्यादा रिक्शा चालक, ठेला वाले तथा दिव्यांग होते हैं.
ठंड से बचने के इंतेजाम
ठंड के मौसम में रैन बसेरे में रहने वाले लोगों के नहाने के लिए गीजर की व्यवस्था भी की गई है, जिससे सुबह उठकर जरूरतमंद लोग आसानी से नहा भी सकते हैं, सर्दी से बचने के लिए रजाई, गद्दे, तकिए और हीटर की व्यवस्था भी संस्था द्वारा की गई है.
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