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 टोंक: 50 लाख मुआवजा और नौकरी पर शांत हुआ गांव, बजरी माफियाओं के हमले से गई युवक की जान

राजस्थान के टोंक जिले में बजरी माफियाओं के हमले में घायल युवक की जयपुर में मौत हो गई. जिससे गांव में आक्रोश भड़क उठा.  प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने 50 लाख मुआवजा, नौकरी और कार्रवाई का आश्वासन दिया है. 

 टोंक: 50 लाख मुआवजा और नौकरी पर शांत हुआ गांव, बजरी माफियाओं के हमले से गई युवक की जान
टोंक में युवक की मौत के बाद हंगामा.

Rajasthan News: राजस्थान के टोंक जिले में बजरी के अवैध धंधे ने एक परिवार की जिंदगी उजाड़ दी. पीपलू थाना क्षेत्र के गहलोद गांव में 17 दिसंबर को हुए हमले में घायल मुकेश चौधरी की जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. इस घटना ने पूरे इलाके में गुस्से की आग भड़का दी. मुकेश अपने पिता का इकलौता बेटा था और उसकी मौत ने गांववालों को सदमे में डाल दिया.

हमले की दर्दनाक कहानी

पिछले बुधवार की सुबह बनास नदी के किनारे बजरी माफियाओं ने कार से उतरकर दो युवकों पर जानलेवा हमला किया. मुकेश चौधरी और बाला बुरी तरह घायल हो गए. हमलावरों ने जमकर मारपीट की.

ग्रामीणों का आरोप है कि ये हमलावर बजरी के अवैध कारोबार में लिप्त माफिया थे और उन्होंने सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया.

घटना के बाद गुस्साए लोगों ने सड़क पर झाड़ियां डालकर रास्ता रोक लिया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली और घायलों को टोंक के निजी अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन मुकेश की हालत बिगड़ती गई और उसे जयपुर रेफर कर दिया गया.

मौत के बाद भड़का आक्रोश

मुकेश की मौत की खबर सुनते ही परिवार और गांववालों में पुलिस तथा प्रशासन के खिलाफ गहरा गुस्सा फूट पड़ा. लोग सड़क पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया. घायल बाला को खाट पर लाकर प्रदर्शन स्थल पर रखा गया जहां नारेबाजी हुई.

टोंक के एडीएम और एडिशनल एसपी मौके पर पहुंचे और परिजनों से बात की. लंबी वार्ता के बाद सहमति बनी. प्रशासन ने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का वादा किया.

साथ ही परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी डेयरी बूथ का आवंटन हमलावरों के अतिक्रमण पर कार्रवाई और घटना में शामिल एक पुलिसकर्मी की जांच का आश्वासन दिया. नियमों के मुताबिक सभी मांगें मान ली गईं जिससे तनाव कम हुआ.

पुलिस की कार्रवाई और संदेह

टोंक एसपी राजेश कुमार मीना ने बताया कि चार आरोपियों को पहले जानलेवा हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. मौत के बाद हत्या का मामला जोड़कर उन्हें फिर पकड़ा गया.

मुख्य आरोपी की तलाश के लिए कई टीमें बनाई गई हैं जो लगातार छापेमारी कर रही हैं. लेकिन मुख्य माफिया अभी फरार है जिससे पुलिस की मिलीभगत का शक गहरा रहा है. पीपलू थाना का थानेदार रघुवीर सिंह को बजरी माफियाओं से सांठगांठ के चलते तीन दिन पहले डीजीपी ने पांच अन्य अधिकारियों के साथ सस्पेंड किया था.

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