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This Article is From Nov 23, 2023

Rajasthan Election 2023: टोंक की अतिसंवेदनशील विधानसभा जहां 30 साल से खाता नहीं खोल पाई कांग्रेस

मालपुरा-टोडारायसिंह विधानसभा सीट जाट और गुर्जर बाहुल्य है, कांग्रेस और बीजेपी दोनो इस सीट पर जीत के लिए जोर लगा रहे हैं. बीजेपी ने कन्हैया लाल चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने घांसी लाल चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है.

Rajasthan Election 2023: टोंक की अतिसंवेदनशील विधानसभा जहां 30 साल से खाता नहीं खोल पाई कांग्रेस
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान के टोंक जिले की मालपुरा-टोडारायसिंह विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. यह सीट जाट और गुर्जर बाहुल्य है, जहां से पिछले 30 सालों से कांग्रेस अपना खाता खोलने को तरस रही है. वर्तमान में इस सीट पर भाजपा के कन्हैया लाल चौधरी लगातार दूसरी बार विधायक हैं.

भाजपा इस सीट पर जीत के लिए कई दांव लगा रही है, तो वहीं राजस्थान सरकार ने इस सीट को जिला बना दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मालपुरा में चुनावी सभा में भी इस आधार पर जनता से अपील की थी. इसके अलावा, भाजपा साम्प्रदायिक घटनाओं के मुद्दे पर भी चुनाव लड़ रही है. मालपुरा एक अतिसंवेदनशील क्षेत्र है, जहां पर कई बार साम्प्रदायिक दंगे हुए हैं. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस की सरकार ने इस क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ा है.

इन मुद्दो पर घेर रही कांग्रेस को बीजेपी

कांग्रेस भी इस सीट पर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. कांग्रेस ने इस सीट पर घांसी लाल चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है. घांसी लाल चौधरी एक अनुभवी नेता हैं. उन्होंने पहले भी इस सीट से चुनाव लड़ा है. कांग्रेस का कहना है कि वह मालपुरा को फिर से कांग्रेस का गढ़ बनाएंगे. वहीं भाजपा एक बार फिर से कांवड़ियों पर पथराव और हमला, आईएसआई जिंदाबाद के नारों और धार्मिक यात्राओं में रास्ता परिवर्तन जैसे मुद्दों के सहारे एक बार फिर से इस क्षेत्र में जीत का परचम लहराने को लेकर तैयार है.

1992 के सांप्रदायिक दंगो से मालपुरा हुआ बदनाम

2018 के चुनाव में कांग्रेस ने समझौते के तहत यह सीट लोकदल को दी थी और रणवीर पहलवान जो कि 2008 से 2013 तक यहां से निर्दलीय विधायक रहे थे. 2018 का चुनाव लोकदल के सिम्बल पर लड़े पर भाजपा के कन्हैया लाल के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. प्रदेश के अतिसंवेदनशील माने जाने वाले मालपुरा 1992 के बाद साम्प्रदायिक घटनाओं को लेकर बदनाम रहा है, चाहे 1992 के दंगे में दर्जनों लोगों की हत्या हो, कांवड़ यात्रा पर हमले हो या आईएसआई और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे हो, या फिर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में हुई साम्प्रदायिक घटनाएं हो या एक क्षेत्र से हिंदुओ के पलायन की घटनाएं हो. इस सीट पर एक बार फिर से भाजपा के वर्तमान विधायक कन्हैया लाल चौधरी का कांग्रेस के घांसी लाल चौधरी से मुकाबला है.

मालपुरा - टोडारायसिंह विधानसभा सीट में कुल मतदाताओं की संख्या  2 लाख 70 हजार 274 है.

जातिगत समीकरण

जाट - लगभग 58 से 60 हजार के बीच 
अनुसूचित जाति - बैरवा, रेगर, खटीक, कोली, हरिजन वह अन्य जातीया - लगभग 45 हजार से 46 हजार के बीच
गुर्जर - लगभग 36 हजार से 38 हजार के बीच 
माली - लगभग 23 हजार से 24 हजार के बीच 
ब्राह्मण - लगभग 20 हजार से 21 हजार के बीच 
ओबीसी की छोटी जातिया - लगभग 25 हजार से 26 हजार के बीच 
वैश्य-महाजन - लगभग 13 हजार 
राजपूत - लगभग 13 हजार
मुस्लिम - लगभग 19 से 20 हजार वोट

मालपुरा विधानसभा का बड़ा मुद्दा

मालपुरा टोडारायसिंह विधानसभा सीट पर बीसलपुर बांध का पानी टोरडी सागर बांध में डाले जाने का मुद्दा 2004 से प्रमुख मुद्दा बना हुआ है, जिस पर आज तक अमल नही हुआ है. वहीं अब मालपुरा को बचाने के लिए अभी मालपुरा को जिला बनाओ आंदोलन के बाद जिला बनाए जाने की घोषणा तो हुई लेकिन नोटिफिकेशन जारी नही हो सका.

निर्दलीय उम्मीदवार कर सकते है प्रभावित

मालपुरा-टोडारायसिंह सीट पर अन्य कोई दल या पार्टियां प्रभावशाली नही है, निर्दलीय प्रत्याशी समीकरण को प्रभावित जरूर कर सकते है लेकिन इस बार इस मुकाबले को गोपाल गुर्जर ने निर्दलीय के तौर चुनाव लड़कर इस चुनाव को रोचक बना दिया है. वहीं पिछले 30 सालों से इस सीट पर कांग्रेस खाली हाथ है.

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