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राजस्थान में टॉपर लड़कियों को नहीं मिलेगी स्कूटी, जानें नई योजना में छात्राओं को अब कितने रुपये मिलेंगे

नोडल जिला शिक्षा अधिकारी बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद जिलेवार सभी श्रेणियों में पहले स्थान पर रहने वाली लड़कियों की सूची 15 अगस्त तक माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजेंगे. यह पुरस्कार हर साल वसंत पंचमी को हर जिला मुख्यालय पर आयोजित समारोह में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में दिया जाएगा.

राजस्थान में टॉपर लड़कियों को नहीं मिलेगी स्कूटी, जानें नई योजना में छात्राओं को अब कितने रुपये मिलेंगे
राजस्थान में टॉपर लड़कियों को नहीं मिलेगी स्कूटी

Rajasthan Padmakshi Award: राजस्थान में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की टॉपर लड़कियों को मिलने वाली स्कूटी योजना बंद कर दी गई है. कांग्रेस राज में शुरू की गई इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना को सरकार ने अब नए नाम से शुरू किया है. शिक्षा विभाग की ओर से जारी परिपत्र के मुताबिक, अब नए नाम से पद्माक्षी पुरस्कार के रूप में सरकार टॉपर लड़कियों अवार्ड की रकम देगी. इस योजना के लिए जरूरी है कि लड़कियां राजस्थान की मूल निवासी हैं. वहीं, इस योजना की पात्र होंगी.

न्यूनतम कितने प्रतिशत अंक जरूरी

पद्माक्षी पुरस्कार योजना के लिए जिले या राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली लड़कियों को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक और स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल विद्यालयों की लड़कियों को न्यूनतम 09 सीजीपीए से अधिक अंक लाना अनिवार्य है. पुरस्कार बांटने के लिए संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा नोडल अधिकारी होंगे. 

बता दें कि इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना में पहले राज्य या जिला स्तर पर टॉप करने वाली लड़कियों को नकद पुरस्कार दिया जाता था. इसके साथ ही उन्हें एक स्कूटी भी दी जाती थी. इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना में 12वीं की टॉपर लड़कियों को पहले एक लाख रुपये की राशि अवार्ड के तौर पर दी जाती थी.

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टॉपर लड़कियों को अवार्ड में कितने रुपये मिलेंगे

हालांकि, अब पद्माक्षी पुरस्कार के तहत टॉपर लड़कियों को अवार्ड के तौर पर नकद राश ही दी जाएगी. आदेश के मुताबिक, कक्षा 8 की छात्राओं को 25000 रुपये, कक्षा 10वीं की टॉपर लड़कियों को 50000 रुपये और कक्षा 12वीं की छात्राओं को 750000 रुपये पद्माक्षी पुरस्कार के रूप में दिया जाएगा.

योजना के लिए जरूरी शर्त

  • इस योजना के लिए वही टॉपर लड़कियां पात्र होंगी, जो राजस्थान की मूल निवासी हों.
  • पद्माक्षी पुरस्कार टॉप करने वाली लड़कियों नियमित अध्ययन करने पर ही दिया जाएगा.
  • जहां पर छात्रा पढ़ाई कर रही है, वहां के संस्था प्रधान द्वारा जारी नियमित अध्ययन प्रमाण पत्र जमा करना होगा.
  • इस पुरस्कार योजना के लिए पूरक परीक्षा को शामिल नहीं किया जाएगा.
  • इस योजना में पुरस्कार पाने वाली लड़कियों को संबंधित श्रेणी का प्रमाण पत्र जमा करना होगा.

हर साल वसंती पंचमी पर मिलेगा पुरस्कार

नोडल जिला शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वे माध्यमिक शिक्षा निदेशक को 15 अगस्त तक बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद जिलेवार सभी श्रेणियों में पहले स्थान पर रहने वाली लड़कियों की सूची भेज दें. पद्माक्षी पुरस्कार की पात्र लड़कियों की जिलेवार सूची माध्यमिक शिक्षा निदेशक बीकानेर के द्वारा बालिका शिक्षा फाउंडेशन के सचिव उपलब्ध कराई जाएगी. यह पुरस्कार हर साल वसंत पंचमी को हर जिला मुख्यालय पर आयोजित समारोह में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में दिया जाएगा.

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