
Rajasthan: उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैया लाल मर्डर केस पर बनी एक फिल्म उदयपुर फाइल्स की पिछले कुछ समय बड़ी चर्चा हो रही है. यह फ़िल्म शुक्रवार (11 जुलाई) को रिलीज होने जा रही थी लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी है और कहा है कि इसका फ़ैसला केंद्र सरकार करेगी. अदालत ने फिल्म को रुकवाने के लिए जमीयत उलेमा ए हिन्द की याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि उन्हें इस संबंध में 14 जुलाई तक केंद्र सरकार के समक्ष आपत्ति जतानी चाहिए. इससे पहले इस हत्याकांड के एक प्रमुख अभियुक्त मोहम्मद जावेद ने भी फिल्म पर गहरी आपत्ति जताते हुए रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाई. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (9 जुलाई) को उसकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसके बाद फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ़ हो गया है. आइए 10 समझते हैं कि क्या है ये फिल्म और इसे लेकर विवाद क्यों था.
- उदयपुर फाइल्स वर्ष 2022 में उदयपुर में हुए कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित एक फिल्म है. कन्हैया लाल तेली एक टेलर थे और 28 जून 2022 को दो हमलावरों ने उनकी गला काटकर हत्या कर दी थी.
- दोनों हमलावरों - मोहम्मद रियाज़ अत्तारी और मोहम्मद ग़ौस - ने हत्या का वीडियो रिकॉर्ड किया था और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. दोनों हमलावरों को राजसमंद से गिरफ्तार किया गया था. इस हत्याकांड की जांच NIA को सौंपी गई थी.
- ऐसा बताया गया कि दोनों हमलावरों ने कन्हैयालाल के फेसबुक पर एक पोस्ट करने की वजह से उनकी हत्या की. इस पोस्ट में कन्हैयालाल ने तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन किया था.
- उदयपुर फाइल्स इसी हत्याकांड पर बनी फिल्म है. फिल्म में कन्हैया लाल की भूमिका मशहूर अभिनेता विजय राज निभा रहे हैं. फिल्म का निर्देशन भरत एस श्रीनाते ने किया है और अमित जानी इसके निर्माता हैं. फिल्म में रजनीश दुग्गल और प्रीति झांगियानी अन्य प्रमुख कलाकार हैं.
- अभियुक्त मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट में फिल्म के राजस्थान में रिलीज पर रोक लगवाने के लिए याचिका दायर की थी. इसमें दावा किया गया था कि अभी इस मामले में अदालत में सुनवाई चल रही है और फिल्म की रिलीज से मुक़दमा प्रभावित हो सकता है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका ठुकरा दी.
- फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई. ये याचिका जमीयत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दायर की. इसमें कहा गया है कि फिल्म से सांप्रदायिक भावनाएं भड़क सकती हैं.
- दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में फिल्म के ट्रेलर को आधार बनाया गया है और दावा किया गया है कि इसमें बार-बार ऐसे डायलॉग आ रहे थे जिनसे 2022 में भावनाएं भड़की थीं. फिल्म का ट्रेलर 26 जून को रिलीज़ हुआ था.
- दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म के निर्माताओं को रिलीज से पहले याचिकाकर्ताओं को दिखाने का निर्देश दिया था. अदालत के सामने सेंसर बोर्ड और फिल्म निर्माताओं ने कहा है कि आपत्तिजनक हिस्से हटा दिए गए हैं. लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को सुनवाई के बाद फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी.
- उदयपुर फाइल्स के निर्माता भरत श्रीनाते ने कहा है कि सेंसर बोर्ड की आपत्तियों के बाद उन्हें फिल्म में 150 हिस्सों को काटना पड़ा. उनका कहना है कि यह फ़िल्म किसी धर्म के बारे में नहीं है बल्कि एक विचार और सच के बारे में है.
- कन्हैया लाल के परिवार ने इस फिल्म की रिलीज का समर्थन किया है. कन्हैया लाल के बेटे यश ने कहा है कि यह फिल्म किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि आतंकवाद के खिलाफ है जिसे सभी को देखना चाहिए.
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