Rajasthan News: यूं तो देशभर में माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, लेकिन उदयपुर का यह मंदिर सबसे खास माना जाता है. इस बार महालक्ष्मी मंदिर में प्राकट्योत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर माता महालक्ष्मी का सोने और चांदी की बनी मनमोहक पोषक से श्रृंगार किया गया. माता महालक्ष्मी के दर्शन के लिए अल सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ती रही तो वही मंदिर प्रबंधन ने भी दर्शन के लिए समुचित बंदोबस्त किए.
भट्टियांनी चौहट्टा स्थित माता महालक्ष्मी का मंदिर उदयपुर संभाग का सबसे पुराना मंदिर है और प्राकट्योत्सव के अवसर पर हर वर्ष हजारों भक्त पूरे दिन में दर्शन करते है. माता महालक्ष्मी के मंदिर प्रांगण पर आकर्षक सजावट की गई है. भट्टियांनी चौहट्टा मार्ग पर भी मनमोहक लाइटिंग कर पूरे परिसर को भक्ति मय माहौल से सरोबार कर दिया है.
कमल पर नहीं हाथी पर विराजमान
माता महालक्ष्मी के मंदिर में हाथी पर विराजित महालक्ष्मी की प्रतिमा पूरे देश में अनूठी है. वैसे तो हर जगह पर माता लक्ष्मी कमल पर विराजमाम होती है, लेकिन इस मंदिर में माता लक्ष्मी हाथी पर सवार है. ऐसे में यहां भक्तो की भी विशेष आस्था है. प्राकट्योत्सव के अवसर पर शहर के भी लोगो की भीड़ पूरे दिन मंदिर पहुंचती रही. मध्य रात्रि में भी माता लक्ष्मी की भव्य महाआरती की गई, जिसमें सैंकड़ों को तादाद में भक्त मौजूद रहें. महाआरती के बाद प्रसाद का भी वितरण किया गया.
सोने और चांदी की पोशाक
प्राकट्योत्सव के अवसर पर सुबग 4 बजे ट्रस्टी जतिन श्रीमाली और पुजारी राजेंद्र ओझा ने माता महालक्ष्मी का अभिषेक किया. उसके बाद माता महालक्ष्मी को सवा 5 लाख रुपये की सोने चांदी से बनी पोशाक धारण कराई गई. सुबह 10 बजे श्री सूक्त के पाठ एवं हवन शुरू हुआ, जिसमें समाज के कई प्रबुद्ध लोग शामिल हुए. प्राकट्योत्सव के अवसर पर सुंदरकांड का पाठ आयोजित हुआ तो वहो आध्य रात्रि में महा आरती एवं प्रसाद का वितरण किया गया.
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