Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक अलग तरह का मामला सामने आया है. यहां एक युवक को 8 दिन तक डिजिटल हाउस अरेस्ट (Digital House Arrest) में रखा गया. फर्जी CBI और ED अधिकारी बन साइबर ठगों ने युवक से साढ़े 4 लाख रुपए तक ठग लिए. डिजिटल हाउस अरेस्ट किए जाने का यह मामला अपने आप में अलग तरह का है. मीडिया रिपोर्ट में इसे भारत का सबसे लंबा डिजिटल हाउस अरेस्ट का केस बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि साइबर ठगों ने यह नया तरीका निकाला है, जिसमें अपने शिकार को वीडियो कॉल के माध्यम से हाउस अरेस्ट करके ठगी की जाती है.
टेरर फंडिंग के नाम से डराया
जयपुर निवासी एक युवक को एक अगस्त की दोपहर फोन आया. जिसमें फोन करने वाले ने खुद को आरबीआई कस्टमर सर्विस का अधिकारी बताया और युवक से ठगी करने का प्रयास किया, साइबर ठग युवक को लगातार कॉल करता रहा और 712 करोड़ रुपए की टेरर फंडिंग के नाम से डराने लगा. इस घटना के बाद हैदराबाद पुलिस की अधिकारी बनकर एक महिला ने युवक को कॉल किया और उसे दुबारा धमकाया.
ईडी के अधिकारियों के नाम से भेजा फर्जी वारंट
साइबर ठगों ने युवक को सीबीआई, ईडी के अधिकारियों के नाम से फर्जी वारंट भी भेजे और दबाब बनाकर नया फोन भी खरीदवाया . साथ ही एक ऐप डाउनलोड करके को कहा, उस ऐप से ठगों ने युवक को वीडियो कॉल पर ले लिया और शुक्रवार दोपहर तक उसको वीडियो कॉल की निगरानी में रखा.
युवक के अकाउंट से निकले 4.55 लाख
ठगों ने पीड़ित के आधार कार्ड और खातों से उसकी एचडी का पता लगाया और 4.55 लाख रुपए निकाल लिए, पैसे निकालने के बाद उन्होंने बार-बार युवक पर उसकी एफडी तुड़वाने का दबाव बनाया. युवक के पास चेक बुक नहीं होने पर उन्होंने उससे बैंक में नई चेक बुक अप्लाई करवाई.
इस घटना की जानकारी युवक ने 8 दिनों तक किसी को नहीं दी. शुक्रवार को जब युवक ने घर पर चेक बुक की जानकारी मांगी तब मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद वीडियो कॉल डिस्कनेक्ट करवाकर युवक को साइबर ठगों के चंगुल से बाहर निकाला.
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