Vegetables Price: जैसलमेर में बढ़ते सब्जियों के दाम तेजी से रसोई का बजट गड़बड़ाने लगा है. प्याज 50 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. अदरक 150 रुपए से 250 रुपए, धनिया 150 रुपए से 300 रुपए प्रति किलो है. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि गुजरात और पंजाब में ज्यादा बारिश होने के कारण फसलें चौपट हो गई है. इस वजह से आगे से महंगे दामों में सब्जी आ रही है.
जैसलमेर में शिमला मिर्च 150 रुपए पहुंच चुकी
जैसलमेर की सीजनेबल सब्जियां गर्मी से खराब हो गई हैं. मांग ज्यादा होने और माल कम होने के कारण दाम आसमान छू रहे हैं. करीब 10 दिन पहले टमाटर 40 रुपए प्रति किलो बिक रहा था. अभी उसके भाव 80-110 रुपए तक पहुंच चुके हैं. शिमला मिर्च 80 रुपए से 150 रुपए पहुंच चुकी है. सब्जी के बढ़ते भावों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है.
टमाटर 10 दिन पहले 40 रुपए प्रति किलो बिक रहा था
सब्जी खरीदने आई एक महिला ने कहा कि करीब 10 दिन पहले टमाटर 40 रुपए प्रति किलो बिक रहा था. बुधवार शाम को आई तो सीधा 80 रुपए हो गई. टमाटर के भाव 100-110 रुपए तक पहुंच चुके हैं. शिमला मिर्च 80 रुपए से 150 रुपए पहुंच चुकी है.
जैसलमेर में पंजाब और गुजरात से आती हैं सब्जियां
जैसलमेर में सब्जी अहमदाबाद और जोधपुर से भी आती है. इस बार पंजाब गुजरात में ज्यादा बारिश के चलते दाम अधिक बढ़ने से लोगों को आर्थिक परेशानी में डाल दिया है. बाहर से सब्जी मंगाने से कीमत और भी बढ़ जाती है.
चित्तौड़गढ़ में लौकी 30 से 40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई
चित्तौड़गढ़ में मिर्ची पहले 20 रुपए प्रति किलो चल रही थी. इन दिनों 80 से 100 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है. लौकी 8 से 10 रुपए प्रति किलो थी, जो 30 से 40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई. गवारफली 60 से 80 तक पहुंच गई. भिंडी अब 60 रुपए किलो तक पहुंच गई. पिछले दिनों टमाटर 20 रुपए किलो चल रहा था, जो इन दिनों 80 से लेकर 100 रुपए प्रति किलो तो अदरक 240 रुपए किलो तक बिक रहा है.
अरवी 20 से 25 रुपए प्रति किलो से उछलकर 60 रुपए तक पहुंच गई. गोभी 10 से सीधे 50 रुपए किलो तक जा पहुंची. धनिया के दाम लगभग 10 गुना तक बढ़ गए, जो कि इन दिनों 180 से 200 रुपए किलो चल रहा है.
10 दिन से स्थानीय स्तर पर सब्जियों का उत्पादन का हो गया
सब्जियों के थोक विक्रेताओं का कहना है कि अमूमन चित्तौड़गढ़ शहर और आसपास के इलाकों में सब्जी की आपूर्ति स्थानीय स्तर से ही होती है. 60-70 फीसदी तक सब्जी की मांग स्थानीय किसानों द्वारा ही पूरी की जाती है. पिछले 10 दिन से स्थानीय स्तर पर सब्जियों का उत्पादन काफी कम हो गया है. बेलदार सब्जियों को बाहर से मंगाना भी महंगा पड़ता है. फिलहाल आगामी एक से डेढ़ माह तक सब्जियों के दामों में गिरावट जैसे कोई आसार नहीं है.
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