Health News: सर्दियों की ठंड में शरीर को फिट रखना आसान नहीं लगता लेकिन रोजाना वॉक करने से दिल मजबूत होता है फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और वजन भी कंट्रोल में आता है. आधुनिक जीवन की व्यस्तता में स्क्रीन पर घंटों बिताने से शरीर कमजोर पड़ जाता है. ऐसे में वॉक जैसा सरल तरीका सेहत को नई ऊर्जा देता है. आयुर्वेद इसे कफ दोष को संतुलित करने का रामबाण बताता है जबकि विज्ञान कहता है ठंड में वॉक से कैलोरी तेजी से जलती है.
ठंड में वॉक क्यों जरूरी
सर्दी का मौसम शरीर को आलसी बनाता है. कफ दोष बढ़ने से वजन बढ़ सकता है सर्दी-जुकाम हो सकता है या पाचन खराब. लेकिन अगर नियमित टहलें तो ये समस्याएं दूर रहती हैं.
ठंड में शरीर खुद को गर्म रखने के लिए ज्यादा मेहनत करता है जिससे फैट कम जमा होता है. वॉक से दिल की धड़कन मजबूत होती है फेफड़े बेहतर काम करते हैं मांसपेशियां ताकतवर बनती हैं और दिमाग शांत रहता है.
सबसे अच्छा समय सुबह का
सर्दियों में वॉक के लिए आदर्श समय सुबह 8 से 11 बजे है. सूरज निकलने के बाद हल्की धूप शरीर को गर्माहट देती है और कफ कम करती है. इससे प्राकृतिक विटामिन-डी मिलता है जो हड्डियां मजबूत करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
विज्ञान के मुताबिक इस वक्त मेटाबॉलिज्म तेज होता है जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है. खाली पेट वॉक फायदेमंद है लेकिन कमजोर पाचन वाले लोग गुनगुना पानी या फल साथ लें. चक्कर या लो बीपी वाले पूरी तरह खाली पेट न चलें.
शाम का समय भी फायदेमंद
अगर सुबह न निकल सकें तो शाम 4 से 5:30 बजे वॉक करें. आयुर्वेद कहता है शाम की सैर पाचन सुधारती है दिन का खाना अच्छे से पचता है और रात में हल्कापन महसूस होता है. विज्ञान मानता है शाम की वॉक तनाव घटाती है ब्लड शुगर नियंत्रित रखती है और नींद अच्छी आती है. ठंड में गर्म कपड़े पहनकर निकलें ताकि शरीर ठंडा न पड़े.
कितनी देर और कैसे चलें
वॉक इतनी करें कि पसीना आए लेकिन थकान न हो. सामान्यतः 40 से 45 मिनट काफी है. विज्ञान रोज 8 से 10 हजार कदम चलने की सलाह देता है. तेज नहीं बल्कि मध्यम गति से चलें जिससे दिल स्वस्थ रहे और वजन संतुलित. इस आदत से सर्दी में भी सेहत चमकती रहेगी.
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