
Rajasthan SI Paper Leak 2021: राजस्थान की बहुचर्चित सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने साफ किया कि वह इस परीक्षा को रद्द करने के पक्ष में नहीं है. सरकार का कहना है कि जांच अभी जारी है और ऐसे में पूरी परीक्षा को रद्द करना जल्दबाज़ी होगी.
हाईकोर्ट की जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस मामले में SIT गहन जांच कर रही है और पूरे रिकॉर्ड का परीक्षण करने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई है. महाधिवक्ता ने कहा कि SIT की जांच सही दिशा में बढ़ रही है और अब तक कई दोषियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस आधार पर पूरे चयन को संदेह में डालना उचित नहीं है.
साथ ही यह भी बताया गया कि भर्ती के तहत चयनित कई अभ्यर्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, ऐसे में पूरी परीक्षा को रद्द करना उनके भविष्य से खिलवाड़ होगा.
सरकार ने दिया सब-कमेटी की जांच का हवाला
सरकार ने यह भी जानकारी दी कि एक सब-कमेटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में भी यही सुझाव दिया गया है कि परीक्षा को रद्द नहीं किया जाए. इसी रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपना जवाब प्रस्तुत किया. मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई है.
इस बीच चयनित अभ्यर्थियों में राहत की सांस ली है जबकि परीक्षा की वैधता पर सवाल उठाने वाले याचिकाकर्ताओं ने SIT की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है. 2021 में आयोजित SI भर्ती परीक्षा पर बड़े पैमाने पर चीटिंग और पेपर लीक के आरोप लगे थे. इसके बाद राज्य सरकार ने SIT का गठन किया था.
महाधिवक्ता ने क्या कहा ?
महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि याचिकाकर्ता का कहना है कि यह परीक्षा रद्द की जानी चाहिए. याचिकाकर्ता कैलाश चंद्र शर्मा ने 2021 में भी इन्हीं FIRs के आधार पर इस भर्ती को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी, जिसे बाद में उन्होंने स्वयं वापस ले लिया था.
उन्होंने न केवल याचिका दायर की, बल्कि इस भर्ती परीक्षा के टेस्ट और इंटरव्यू में भी भाग लिया. उन्हें मेरिट सूची में स्थान भी मिला, लेकिन जब मेरिट के आधार पर उन्हें नियुक्ति नहीं मिली, तब उन्होंने फिर से याचिका दायर कर कहा कि इस भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है. इस नई याचिका में उन्होंने अपनी पूर्व की याचिका का कोई उल्लेख नहीं किया. उनके द्वारा ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की गई मानो इस भर्ती में कोई गंभीर गड़बड़ी हुई हो, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था. अगर पेपर वाकई बड़े स्तर पर लीक हुआ होता, तो पूर्व की याचिका में इन सभी बिंदुओं पर बहस होती.
''SIT ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी''
कोर्ट ने कमेटी से 2010, 2016 और 2021 की भर्तियों की तुलनात्मक रिपोर्ट मांगी है. साथ ही चयनित अभ्यर्थियों की जाति, वे किस विभाग से नौकरी छोड़कर आए हैं, इसकी विस्तृत जानकारी भी मांगी गई है. SIT ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी है. SOG ने जानकारी दी है कि कुछ अहम गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और कुछ बाकी हैं. सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि इस भर्ती परीक्षा में आने वाली भर्तियों में पदों की संख्या बढ़ाई जाएगी और आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी.
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