
राजस्थान हाइकोर्ट ने प्रॉपर्टी विवाद के एक सिविल मामले में FIR दर्ज करने पर हिंडौनसिटी SHO से जवाब मांगा है. कोर्ट ने SHO को न्यायालय में पेश होकर स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए हैं. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनोद सिंघल ने बताया कि हिंडौन सिटी कोतवाली थाने के SHO महावीर प्रसाद ने सिविल मामले में एफआईआर दर्ज की है. जबकि, इसके लिए DGP सर्कुलर जारी कर चुके हैं, जिसके मुताबिक सिविल मामलों में FIR दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है.
जानें क्या पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, याचिकाकर्ता श्यामवती ने साल 1991 में दो दुकानें तिलकराज नाम के व्यक्ति से खरीदी थी. नगर परिषद ने 22 सितंबर 2023 को इसका फ्री होल्ड पट्टा जारी कर दिया था. लेकिन इसी बीच तिलकराज की बहू ने फर्जी गिफ्ट डीड बनाकर ये दुकानें भगवान सिंह को बेच दी.
धोखाधड़ी का कराया था केस
तिलकराज ने अपनी बहु के दावे को खारिज कर दिया. इसके बाद याचिकाकर्ता श्यामवती ने गिफ्ट डीड और सेल डीड को सिविल कोर्ट में चुनौती भी दे दी थी. लेकिन दवाब बनाने के लिए दूसरे पक्ष ने श्यामवती के खिलाफ थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवा दिया और याचिकाकर्ता को धमकाने लगे.
एसएचओ ने याचिकाकर्ता को धमकाया
थानाधिकारी महावीर प्रसाद ने 25 जून को दुकान पर जाकर याचिकाकर्ता को धमकाया. इसके बाद दुकान पर जबरन ताला लगा दिया और चाबियां अपनी जेब में रख ली. इसके बाद चाबियां लौटाने के एवज में 20 लाख रुपए की मांग भी की. अधिवक्ता विनोद सिंघल ने बताया कि अदालत ने इस पूरे मामले में एसएचओ को कोर्ट मे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा हैं. साथ ही, एसएचओ महावीर प्रसाद को मामले में पक्षकार बनाने के निर्देश भी दिए हैं.
यह भी पढ़ें: "बीजेपी नहीं चाहती कि नया नेतृत्व तैयार हो", छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने पर गहलोत बोले- सोच बेहद निंदनीय