Leopard Movement In Udaipur: झीलों की नगरी उदयपुर जो अपनी खुबसुरती के लिए विश्व में प्रसिद्ध है और चर्चाओं में रहता है, यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं, लेकिन इन दिनों उदयपुर अपनी खुबसुरती की जगह लेपर्ड की दहशत के लिए चर्चाओं में है. लेपर्ड जंगल को छोड़ रिहायशी इलाकों में घूम रहे हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. दरअसल उदयपुर में इससे पहले भी लेपर्ड का रिहायशी इलाकों में मूवमेंट रहा है, लेकिन गोगुंदा में नरभक्षी लेपर्ड का मामला सामने आने के बाद कई जगह लेपर्ड का मूवमेंट देखा जा रहा है.
जहां मारा गया लेपर्ड वहीं दिखा मूवमेंट
जहां से विभाग लेपर्ड को पकड़ रहा है या उसे मारा, अगले ही दिन उसी इलाके में लेपर्ड दिखाई दिया. गोगुंदा में आदमखोर लेपर्ड ने 7 लोगों की जान ली थी,उस समय एक ही गांव से वन विभाग ने 3 से 4 लेर्ड को पिंजरे में पकड़े थे लेकिन वहीं पर फिर से लेपर्ड का मूवमेंट दिखा. साथ ही कथित आदमखोर को मदार गांव के पास जंगल में शूट कर मार गिराया था, लेकिन इसी गांव के पास गड़ी गांव में लेपर्ड का मूवमेंट दिखा. इससे लोग लेपर्ड के पकड़े जाने के बाद भी दहशत में हैं.
18 घंटे में शहर के पास तीन लेपर्ड दिखे
उदयपुर शहर के पास कल शाम 4 बजे तक पिछले 18 घंटे के अंदर दो लेपर्ड दिखाई दिए हैं. पहला लेपर्ड रविवार की रात को करीब 11 बजे बड़ी गांव के लियो का गुड़ा में दिखाई दिया. यह लेपर्ड घर के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिया है. जो रिहायशी इलाके में टहल रहा था.
दूसरा लेपर्ड शहर के पास की पालड़ी इलाके की पहाड़ी पर दिखाई दिया, जिसे सोमवार दोपहर सड़क से गुजर रहे राहगीर ने कैमरे में रिकॉर्ड किया. तीसरा लेपर्ड शहर के पास लखावली गांव में वन विभाग के लगाए गए पिंजरे में शाम को करीब 5 बजे कैद हुआ हैं. इसी प्रकार से लगातार लेपर्ड का मूवमेंट होने से लोगों में दहशत हैं.
एक लेपर्ड हुआ पिंजरे में कैद
उदयपुर के पास लखावली इलाके में एक लेपर्ड पिंजरे में कैद हुआ है. वन विभाग ने कई जगह पिंजरे लगा रखे हैं. पकड़ा गया लेपर्ड मादा है. पकड़े जाने की सूचना पर कई ग्रामीण मौके पर पहुंच गए. जिसके बाद वन विभाग की टीम लेपर्ड को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ले गई. वन विभाग ने गोगुंदा आदमखोर को पकड़ने के लिए अलग-अलग जगह पिंजरे लगा रखे हैं.
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