Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के लिए महज 10 दिनों समय रह गया है. सभी प्रत्याशियों ने अपनी ताकत झोंक दी है. प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक नागौर में दोनों प्रत्याशी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं. तीन दिन पहले आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल ने ज्योति मिर्धा के संसद में प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था, “ज्योति मिर्धा जब चुनाव जीत कर गई तो वे नागौर लौट कर नहीं आई. न ही संसद में जनता से जुड़े सवाल उठाए. वहां भी उपस्थित नहीं हुई.”
हनुमान बेनीवाल के आरोप पर ज्योति मिर्धा ने भी पलटवार किया. एक सभा में ज्योति मिर्धा ने कहा, “मैंने लोकसभा में कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ा जहां आपकी बात रखी जा सके. उसमें भी झूठ बोला गया. कहा गया कि मेरी एटेंडेंस 30 या 32 परसेंट है. मैं यहां से चुनौती देती हूं कि अगर मेरी एटेंडेंस कम हुई तो मैं अपना सर मुंडवा लूंगी. और उनकी कम हुई तो वे अपनी दाढ़ी और मूंछ और सर मुंडवा लें.”
आंकड़े क्या कहते हैं?
ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल दोनों एक-एक बार नागौर के सांसद रहे हैं. संसद एवं विधानसभा की कार्यवाही का अध्ययन करने वाली संस्था पीआरएस की मानें तो उपस्थिति के मामले में जहां ज्योति मिर्धा हनुमान बेनीवाल से आगे हैं, वहीं डिबेट और सवाल पूछने के मामले में हनुमान बेनीवाल आगे हैं.
ज्योति मिर्धा ने 3 जून 2009 से 21 फरवरी 2014 तक के काल में 26 डिबेट में हिस्सा लिया. इस दौरान राष्ट्रीय औसत 37.9 था. वहीं राज्य के सांसदों का औसत 51.5 था. इस दौरान उन्होंने 58 प्रश्न पूछे जबकि राष्ट्रीय स्तर सांसदों का औसत 300 था और राज्य के सांसदों का औसत 304 था. ज्योति मिर्धा की उपस्थिति 93% थी.
बेनीवाल ने 249, मिर्धा ने पूछे 58 प्रश्न
हनुमान बेनीवाल ने 23 मई 2019 से 15 दिसंबर 2023 तक के कार्यकाल में 249 सवाल पूछे. जबकि राष्ट्रीय औसत 201 और राज्य के सांसदों का औसत 264 था. हनुमान बेनीवाल ने 185 डिबेट में हिस्सा लिया. जो राष्ट्रीय औसत से चार गुणा ज्यादा था. राष्ट्रीय औसत 44.8 और 75.8 था. इतना ही नहीं बल्कि हनुमान बेनीवाल 2 प्राइवेट मेंबर बिल लेकर भी आए.
आंकड़े बताते हैं कि उपस्थिति में भले ही ज्योति मिर्धा 3% आगे हों लेकिन सवाल पूछने, डिबेट में हिस्सा लेने से लेकर प्राइवेट मेंबर बिल लाने तक में हनुमान बेनीवाल ज्योति मिर्धा से काफी आगे हैं.