Why Bharat Matters S Jaishankar: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी किताब Why Bharat Matters लिखी है जिसमें भारत को लेकर कई बातें कही हैं. इसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई है. इस किताब को लेकर एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने एस जयशंकर के साथ खास बातचीत की. इस इंटरव्यू के दौरान चीन, पाकिस्तान, कनाडा और मालदीव की बात की गई. इन मुद्दों पर एस जयशंकर ने कई बड़ी बातें कही.
एस जयशंकर ने चीन को लेकर क्या कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, मैंने किताब में लिखा है We Don't have to be scared China, उन्होंने कहा एक बार जब आईआईटी मुंबई में स्टूडेंट्स से मिल रहा था तो वहां लोग चीन, मालदीव, श्रीलंका, बांग्लादेश की बात कर रहे थे. उनके प्रश्न में जो भावनाएं थी ऐसा लग रहा था कि उनके मन में हैं कि हममें उन्हें कंप्लीट करने का आत्मविश्वास नहीं है. लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं. मीडिया में भी चीन को लेकर कई बातें होती हैं. लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. चीन हमारा कॉपटेटिव है लेकिन हमारा कॉपटेटिव केवल चीन नहीं है. उन्होंने कहा जो भी कंपटिशन है वह स्वभाविक है. जहां कंपटीशन है वहां तो सभी जीतने की कोशिश करते हैं. चीन के साथ हमारा ज्यादा कंपटिशन है क्यों कि दोनों राइजिंग देश है.
एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया में एक कंपटीशन चल रहा है और सभी देश अपनी ओर सभी को खींचना चाहते हैं. हमारे देश की एक एडवांटेज है कि दुनिया में किसी और के पास इतने इंजीनियर और ह्यूमन रिसोर्सेज नहीं है. और हमारी सबसे बड़ी कोशिश है कि हम इसका इस्तेमाल कैसे करें.
कनाडा और मालदीव अलग-अलग मुद्दा है
कनाडा का विषय यह है कि कुछ सालों से वह अपने राजनीति में अलगाववादी आतंकवादी विचारदारा है उन्हें ज्यादा स्पेश दिया है. जो उनकी बड़ी कमजोरी है. जो वहां घटनाएं हुई है वह होनी नहीं चाहिए.
वहीं, मालदीव को लेकर एस जयशंकर ने कहा, उनके प्रधानमंत्री ने हमारे ऊपर पब्लिक्ली आरोप लगाया था. हमारे प्रधानमंत्रियों की मुलाकात भी हुई थी. उस समय हमारी पोजिशन यह थी कि अगर आपके मन में कोई चिंता है तो आप मुझे बताएं और हम इस पर जांच कर सकें. लेकिन उन्होंने कुछ भी शेयर नहीं किया और पब्लिक में हमारे ऊपर आरोप लगाया.
मालदीव का अलग विषय है. पड़ोसी देश में भी राजनीति होती है और चुनाव होते हैं. ऐसे में वहां पार्टियां भी हमारे विषय को उठाते हैं और इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अगर सरकार में रहकर सोशल मीडिया पर इस तरह से बात करते हैं तो ये थोड़ा अलग हो जाता है. लेकिन हम इसे सुलझाने के लिए कई बार बात की है.
पाकिस्तान को सोच बदलनी होगी
पाकिस्तान के मुद्दे पर एस जयशंकर ने कहा, हम पड़ोसी है तो पड़ोसी तो पड़ोसी ही होते हैं न हम उन्हें छोड़ सकते हैं और न ही वह हमें छोड़ सकते हैं. लेकिन देखना यह है कि इन हालातों में हम क्यों आए है. इसके दो-तीन कारण है. लेकिन मुख्य कारण आतंकवाद है. जब तक पाकिस्तान में यह सोच है कि आतंकवाद के दवाब से भारत को निगोसिएटिव टेबल पर ला सकते हैं तो यह कभी मंजूर नहीं होगा. हमें यह साबित करना है आप जितना आतंकवाद का इस्तेमाल करोगे इसका निगेटिव रिजल्ट आपको ही भोगना होगा. यह पिछले दशक में साबित हो चुका है.
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