
Rajasthan Politics: राजस्थान में एक बार फिर पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी घमासान शुरू हो गया है. जहां विपक्ष लगातार सरकार पर अलग-अलग मुद्दों पर मोर्चा खोले हुए हैं. वहीं बीजेपी के नेता औऱ मंत्री कांग्रेस नेताओं को सवालों के घेरे में ले रहे हैं. गुरुवार (24 जुलाई) को जहां डोटासरा ने केंद्र और बीजेपी नेताओं पर जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर गंभीर आरोप लगाए. वहीं राजस्थान के वन मंत्री और सीकर जिले के प्रभारी संजय शर्मा ने गोविंद सिंह डोटासरा पर हमला बोलते हुए कहा कि वह घमंड में चूर हैं. सत्ता गए पौने दो साल हो गए लेकिन वह सत्ता से अभी भी नहीं विमुक्त नहीं हो पाए हैं.
मंत्री संजय शर्मा सीकर में अधिकारियों के साथ सरकार के बजट घोषणाओं और फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वित और सरकार के योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए समीक्षा बैठक कर रहे थे. इस बैठक के बाद मंत्री संजय शर्मा ने मीडिया से बात की. जिसमें उन्होंने कहा कि इस बैठक में पीसीसी चीफ और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा को भी आमंत्रित किया गया था. लेकिन वह मिटिंग में शामिल नहीं हुए.
घर आकर मिल लूंगा
मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि जब भी मैं सीकर आता हूं तो अधिकारियों की मीटिंग लेता हूं. उसमें सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाता है. लेकिन डोटासरा मद और घमंड में चूर हैं. उनकी सत्ता गए हुए पौने दो साल हो चुके हैं लेकिन वह अब भी सत्ता से विमुक्त नहीं हो पाए हैं. यदि डोटासरा चाहते हैं कि घर जाकर मंत्री मिले तो उसके लिए भी मैं तैयार हू. यदि वह सीकर के विकास के लिए कोई सारगर्भित सुझाव देते हैं तो हम उसको इंप्लीमेंट भी करेंगे. उन्होंने कहा जनप्रतिनिधि को जिला स्तरीय बैठक में आना चाहिए और बैठक में आकर सुझाव देना चाहिए.
सरस डेयरी प्रबंध निदेशक को नोटिस
वन मंत्री ने समीक्षा बैठक में हुई चर्चा पर बोलते हुए कहा कि राज्य सरकारों केंद्र सरकार की जो योजनाएं हैं. उसे अंतिम छोर पर बैठे आदमी को लाभ मिले यही हमारा प्रयास है. इसी को लेकर आज बैठक में अधिकारियों के साथ चर्चा की गई. हर जरूरतमंद को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले यही केंद्र और राज्य सरकार का उद्देश्य है. जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में सीकर की पलसाना सरस डेयरी की प्रबंध निदेशक मधुमालती अनुपस्थिति रही. इस पर मंत्री संजय शर्मा ने कलेक्टर को निर्देशित किया कि उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया जाए. वहीं मीटिंग में आईटीआई अधीक्षक सुमित काजला भी करीब पौन घंटे देरी से मीटिंग में पहुंचे. ऐसे में मंत्री ने उन्हें वापस भेज दिया.
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