विज्ञापन
This Article is From May 25, 2024

Jaisalmer: तपते रेगिस्तान में वन्यजीवों की गिनती कर रहे वन्यजीवकर्मी, गोडावण की संख्या 64 पहुंची, 22 की हुई बढ़ोतरी

23 मई की सुबह 8 बजे से 24 मई की सुबह 8 बजे तक डीएनपी एरिया में वन्यजीवों की गणना की गई है. कुल 64 में से 21 गोडावण रामदेवरा क्षेत्र में व जैसलमेर के सुदासरी, गजई माता, जामड़ा, चौहानी, सिपला व बरना क्षेत्र में 43 गोडावण नजर आए है.

Jaisalmer: तपते रेगिस्तान में वन्यजीवों की गिनती कर रहे वन्यजीवकर्मी, गोडावण की संख्या 64 पहुंची, 22 की हुई बढ़ोतरी
गणना करते कर्मचारी

Wildlife Workers Counting: विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके राज्य पक्षी "द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड" यानी गोडावण को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है. ब्रीडिंग सेंटर में गोडावण के प्रजनन व कृत्रिम रूप से अंडे हैच कर गोडावण का कुनबा बढ़ने के साथ ही अब फील्ड में भी गोडावण की संख्या भी बढ़ी है. बुध पूर्णिमा यानी बैशाख पूर्णिमा पर वन विभाग द्वारा वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की गई. इतिहास में पहला मौका है जब वाटर हॉल पद्धति की गणना में 64 गोडावण दिखाई दिए है. 2022 में हुई गणना की तुलना में 22 गोडावण अधिक मिले है,जिसके बाद वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर व्याप्त है.

रेगिस्तान में बनाये गए 42 वाटर पॉइंट

23 मई की सुबह 8 बजे से 24 मई की सुबह 8 बजे तक डीएनपी एरिया में वन्यजीवों की गणना की गई है. कुल 64 में से 21 गोडावण रामदेवरा क्षेत्र में व जैसलमेर के सुदासरी, गजई माता, जामड़ा, चौहानी, सिपला व बरना क्षेत्र में 43 गोडावण नजर आए है. डीएफओ आशीष व्यास ने बताया कि इस बार वन विभाग द्वारा डीएनपी क्षेत्र में 42 वाटर पॉइंट बनाएं गए थे,जिस पर मचान बनाकर 84 वनकर्मी बैठे थे.वन कर्मियों ने इस भीषण गर्मी में पूरे 24 घंटे मचान में बैठकर वन्यजीवों की गणना की। गोडावण का यह आंकड़ा रामदेवरा, व जैसलमेर में ही दिखाई दिया है.

पिछली बार से 22 ज्यादा दिखे गोडावण  

इसके अलावा करीब इतनी ही संख्या फील्ड फायरिंग रेंज में है. लेकिन सुरक्षा के कारणों से फील्ड फायरिंग रेंज में गोडावण की गणना नहीं की सकी. इससे पहले 2022 में वाटर हॉल पद्धति से गणना की गई थी. जिसमें 42 गोडावण नजर आए थे. 2023 में पश्चिमी विक्षोभ से बरसात होने के कारण गणना नहीं हो पाई थी. हालांकि वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ देहरादून गोडावण की गणना करता है. लेकिन 2017 के बाद से गोडावण की गणना नहीं की गई है. हालांकि गोडावण की संख्या को वन विभाग द्वारा पुष्ट तो नहीं मानता.लेकिन इस गणना से गोडावण की संख्या का पता चल जाता है.

यह भी पढ़ें- भ्रष्ट और लापरवाह कर्मचारियों को 4 जून के बाद रिटायर कर देगी सरकार! VRS की जगह लागू होगा CRS मॉडल?

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close