
World AIDS Day 2023: आज पूरी दुनिया में एड्स दिवस मनाया जा रहा है. राजस्थान के भी अलग-अलग जिलों में इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. मालूम हो कि 1988 के बाद से हर साल 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार को कम करना और लोगों को इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक करना है. इसी कड़ी में शुक्रवार को राजस्थान के डूंगरपुर और अजमेर में जागरूकता रैली निकाली गई. दोनों रैली में एमबीबीएस और नर्सिंग स्टूडेंट, टीचर, रेजिडेंट डॉक्टर उपस्थित रहें. रैली में भाग लेने वाले लोगों के हाथों में एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने वाले पोस्टर थे, जिसमें एड्स क्या है, यह कैसे फैलता है, और इससे बचाव के तरीके के बारे में बताया गया.
एड्स दिवस क्यों मनाया जाता है?
एड्स दिवस का उद्देश्य एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस बीमारी से लड़ने के लिए लोगों को प्रेरित करना है. एड्स को लेकर हमारे समाज में कई मिथक हैं, जिनके बारे में लोगों में जानकारी की काफी कमी है. एड्स दिवस पर इन मिथकों को दूर करने और लोगों को एड्स के बारे में सही जानकारी देने का प्रयास किया जाता है. लोगों में एचआईवी पॉजिटिव लोगों को लेकर कई गलत अवधारणाएं होती हैं, इस दिन उन्हें भी दूर करने की कोशिश की जाती है.

2030 तक एड्स मुक्त बनाने का लक्ष्य
भारत सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत को एड्स मुक्त बनाना है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार कई कार्यक्रम चला रही है. इन कार्यक्रमों के तहत एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने, एचआईवी पॉजिटिव लोगों का इलाज करने और उन्हें समाज में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है.
जेएलएन मेडिकल कॉलेज द्वारा आयोजित रैली
विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य पर आज जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के द्वारा एक जागरूकता रैली कॉलेज से निकाली गई. जिसमें जेएलएन मेडिकल कॉलेज की ओर से विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष में 3 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है, रैली कॉलेज से शुरू होकर बजरंग चौराहा तक पहुंची.
डूंगरपुर में आयोजित जागरूकता रैली
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से निकाली गई रैली में मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ बाला मुरुगवेलू, सुप्रीटेंडेंट डॉ महेंद्र डामोर, डॉ अनिल बघेल, एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ कांतिलाल मेघवाल, डिप्टी कंट्रोलर डॉ महेंद्र परमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रैली में मेडिकल स्टूडेंट और नर्सिंग स्टूडेंट शामिल हुए। एड्स से बचाव को लेकर जागरूकता का संदेश देते हुए रैली शहर के विभिन्न रास्तों से होते हुए वापस अस्पताल पहुंची. डॉक्टरों ने कहा कि एचआईवी और एड्स एक घातक बीमारी है. इससे सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। वही ग्रसित व्यक्ति इलाज लेकर अपनी सुरक्षा कर सकता है.
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