
World Test Championship: 14 जून, 2025 का दिन क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया. लॉर्ड्स के मैदान पर जब साऊथ अफ़ीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की ट्रॉफी (गदा) उठाई तो यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, यह एक इतिहास रचा गया था. 27 साल बाद दक्षिण अफ्रीका को मिला ICC खिताब और साथ ही ‘चोकर्स' का टैग भी हमेशा के लिए खत्म हो गया. इस ऐतिहासिक जीत का सबसे बड़ा हीरो था- टेम्बा बावुमा. एक ऐसा खिलाड़ी एक ऐसा कप्तान जो कद में भले ही छोटा हो, लेकिन लीडरशिप जज़्बे और संघर्ष में बहुत बड़ा.
वो फाइनल, जिसने सब कुछ बदल दिया
WTC-2025 का फाइनल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था और जगह थी लॉर्ड्स का मैदान. 282 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम का शुरुआती बल्लेबाजी क्रम लड़खड़ा चुका था. पहली पारी में टीम 138 रन पर सिमट गई थी, जिसमें बावुमा ने 36 अहम रन बनाए थे. दूसरी पारी में भी दबाव काफी बढ़ गया था. बावुमा हैमस्ट्रिंग में चोट के बावजूद मैदान पर डटे रहे और 134 गेंदों में 66 रन की साहसी पारी खेली. उनकी एडेन मार्कराम के साथ 147 रन की साझेदारी ने मैच का रुख ही बदल दिया. बावुमा की चाल धीमी थी और पैर में दर्द था, लेकिन इरादा मजबूत था. जब टीम जीतकर लॉर्ड्स की बालकनी में पहुंची तो टेम्बा की नम आंखें और शांत मुस्कान हर संघर्ष की कहानी कह रही थी.
लंगा से लॉर्ड्स तक का सफर
टेम्बा बावुमा का जन्म 17 मई 1990 को केप टाउन के लंगा टाउनशिप में हुआ था. एक ऐसा इलाका, जहां क्रिकेट खेलने के लिए मैदान कम और सपने तोड़ने वाले हालात ज्यादा थे. टेम्बा ने हार नहीं मानी और गरीबी के साथ सामाजिक भेदभाव के बावजूद उन्होंने क्रिकेट में अपना रास्ता खुद बनाया. 18 साल की उम्र में उन्होंने गौतेंग के लिए पहला फर्स्ट क्लास मैच खेला, फिर लायंस के लिए शानदार प्रदर्शन किया. लेकिन नेशनल टीम में जगह पाने में उन्हें 6 साल लग गए. क्योंकि रंगभेद और पूर्वाग्रह अब भी मौजूद था. साल 2015 में जब उन्होंने टेस्ट डेब्यू किया और 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद शतक लगाया, तब भी उन्हें कोटा खिलाड़ी कहने वाले कम नहीं थे. लेकिन उन्होंने बल्ले से जवाब दिया. 2021 के बाद उनकी बल्लेबाज़ी में जबरदस्त निखार आया.
उन्होंने बतौर कप्तान टीम को एकजुट किया और खुद को एक भरोसेमंद बल्लेबाज़ के रूप में स्थापित किया. साल 2023 में टेस्ट कप्तानी मिलने के बाद दक्षिण अफ्रीका की टीम ने 10 में से 9 टेस्ट जीते. 2023 के वनडे वर्ल्ड कप में टीम सेमीफाइनल तक पहुंची.
“टेम्बा” यानी उम्मीद
‘टेम्बा' का मतलब नगुनी भाषा में होता है “उम्मीद” और यही उम्मीद टेम्बा ने अपने देश को दी. एक ऐसे देश को, जो अब भी कई बार अपनी पहचान और एकता के लिए जूझता रहा है. बावुमा ने जीत के बाद कहा कि हमें पता है कि हम एक बंटा हुआ देश हैं, लेकिन ऐसे पल हमें जोड़ते हैं. क्रिकेट का खेल हमें जोड़ता है. उनका सपना है कि दक्षिण अफ्रीका की टीम और मजबूत हो और दुनिया की बड़ी टीमों के खिलाफ ज्यादा टेस्ट खेले.