स्लिम बॉडी और एक्टिव माइंड के लिए करें रोजाना मुर्गा आसन

कुक्कुटासन जिसे  मुर्गा आसन भी कहते है. जो आपके कंधे और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ आपको मानसिक रूप से भी स्वस्थ बनाता है.

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Kukkutasana

Kukkutasana: आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में स्वस्थ रहना काफी मुश्किल होता जा रहा है. इसलिए लोग कम समय में भी खुद को फिट और स्वस्थ रखने की भरपूर कोशिश करते हैं. अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं, तो योग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकते हैं. क्योंकि ऐसे कई आसन हैं जो कुछ ही मिनटों में बेहतरीन परिणाम देते हैं. इन्हीं में से एक है कुक्कुटासन (Kukkutasana). जिसे  मुर्गा आसन भी कहते है. जो आपके कंधे और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ आपको मानसिक रूप से भी स्वस्थ बनाता है.

क्यों कहते है इसे मुर्गा आसन 

कुक्कुटासन योगासनों की खास मुद्राओं में से एक है. यह हठ योग का एक महत्वपूर्ण आसन है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है. आयुष मंत्रालय के अनुसार,यह एक शक्तिशाली योगासन है, जो शरीर और मन को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. संस्कृत में 'कुक्कुट' का अर्थ मुर्गा और 'आसन' का अर्थ योग मुद्रा है. इस आसन में शरीर की स्थिति मुर्गे जैसी बनती है, इसलिए इसे मुर्गा आसन भी कहा जाता है. यह हठ योग का एक महत्वपूर्ण आसन है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है.

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कैसे करते कुक्कुटासन 

एक्सपर्ट बताते हैं कि कुक्कुटासन करने की सही विधि क्या है? एक्सपर्ट के अनुसार, कुक्कुटासन एक संतुलनकारी योगासन है, जिसमें शरीर का वजन बाहों और कंधों पर संतुलित किया जाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले पद्मासन (कमल मुद्रा) में बैठें. फिर दोनों हाथों को जांघों और पिंडलियों के बीच के स्थान से निकालकर हथेलियों को जमीन पर टिकाएं। इसके बाद, शरीर को हथेलियों के बल ऊपर उठाएं, ताकि पूरा वजन बाहों पर आए। इस स्थिति में संतुलन बनाए रखते हुए कुछ देर रुकें और फिर धीरे-धीरे वापस आएं.

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मिलते है ये लाभ 

कुक्कुटासन के नियमित अभ्यास से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं.यह बाहों, कंधों और कोर मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे शरीर में शक्ति और स्थिरता बढ़ती है. यह पेट की चर्बी घटाने में मदद करता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है. यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाए रखता है और शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है. मानसिक रूप से, यह एकाग्रता और संतुलन के साथ ही ध्यान को भी बढ़ाने में कारगर है. नियमित अभ्यास से तनाव और चिंता में कमी आती है. इसके अलावा, यह कलाई और कोहनी के जोड़ों को मजबूती देता है.

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कुक्कुटासन आसान नहीं, इसलिए बरते  कुछ सावधानियां 

कुक्कुटासन के नियमित अभ्यास से शरीर और मन दोनों को कई लाभ मिलते हैं। हालांकि, इसका अभ्यास आसान नहीं होता है. इसे करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. इसे करने से पहले शरीर को वार्म-अप करना जरूरी है. जिन्हें कलाई, कंधे या कोहनी में दर्द या चोट हो, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं और हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को भी इसे करने से बचना चाहिए. शुरुआती लोगों को योग प्रशिक्षक की देखरेख में इसका अभ्यास शुरू करना चाहिए। आसन के दौरान सांस को सामान्य रखें और शरीर पर अनावश्यक दबाव न डालें.

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