
झुंझुनू के मून बाग खेल मैदान में आयोजित रात्रिकालीन क्रिकेट प्रतियोगिता के दौरान नरेश मीणा ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी की खूब सेवा की, झंडा उठाया, नारे लगाए, लेकिन टिकट देने की बारी आई तो उन्हें नजर अंदाज कर दिया. मीणा ने कहा कि आदिवासी समाज पूरी ताकत से कांग्रेस को वोट देता है, लेकिन उसी समाज के नरेश मीणा को लगातार दरकिनार किया गया.
टिकट बंटवारे पर कांग्रेस को घेरा
उन्होंने बताया कि साल 2018 विधानसभा चुनाव, फिर लोकसभा चुनाव और उसके बाद देवली-उनियारा से टिकट की मांग की, लेकिन कांग्रेस ने हर बार उन्हें नजर अंदाज किया. मीणा ने कहा कि जब वे निर्दलीय बने तो जनता ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया. छबड़ा से 44 हजार और देवली-उनियारा से 60 हजार वोट मिले. इसके बावजूद कांग्रेस ने उन्हें मौका नहीं दिया, जबकि, जिनको टिकट दिया गया उनकी जमानत तक जब्त हो गई.
"नेपाल में सिस्टम हिला रहे, भारत में जरूरत"
नरेश मीणा ने नेपाल में जारी आंदोलन को लेकर भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में युवाओं और छात्रों ने क्रांति की और सरकार को गिरा दिया, आज नेपाल में भी वैसा ही माहौल है. युवाओं की आवाज दबाने के लिए सोशल मीडिया बंद किया गया, लेकिन सड़क पर उतरे छात्र और युवा पूरे सिस्टम को हिला रहे हैं. मीणा ने कहा कि नेपाल का प्रधानमंत्री तक भाग गया और सांसदों को निशाना बनाया . उन्होंने कहा कि अब भारत, खासकर राजस्थान में भी क्रांति की ज़रूरत है और यह क्रांति कोई ला सकता है तो सिर्फ युवा और छात्र ही ला सकते हैं.
"हिंदुस्तान में जनता का गुस्सा फूट सकता है"
हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भी नेपाल आंदोलन पर तीखा बयान दिया. उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से नेपाल जल रहा है. वहां जनता मंत्रियों की पिटाई कर रही है, प्रधानमंत्री और मंत्री भाग रहे हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ संसद तक में आग लगी हुई है. गुढ़ा ने कहा कि ऐसा ही बांग्लादेश और श्रीलंका में हुआ और जब जनता को दबाने की कोशिश की गई, तब बड़े बदलाव आए. उन्होंने चेतावनी दी कि हिंदुस्तान में भी हालात सुधरे नहीं तो जनता का गुस्सा फूट सकता है. गुढ़ा ने कहा कि नेपाल में जनता प्रधानमंत्री की लोकेशन ले रही है, मंत्रियों को खोज रही है.
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