भारतीय दल ने बुधवार को यहां एशियाई खेलों में पदकों के लिहाज से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और पिछले खेलों में 70 पदक के आंकड़े को पीछे छोड़ा.
भारत का पदक के लिहाज से पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जकार्ता और पालेमबांग में हुए 2018 एशियाई खेलो में था जिसमें देश ने 16 स्वर्ण, 23 रजत और 31 कांस्य पदक सहित कुल 70 पदक जीते थे.
भारत के पैदल चाल खिलाड़ियों मंजू रानी और राम बाबू ने बुधवार को 35 किमी मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता जिससे भारत ने 2018 खेलों में 70 पदक के आंकड़े की बराबरी की.
ओजस देवताले और ज्योति सुरेखा वेन्नम की कंपाउंड मिश्रित तीरंदाजी टीम ने इसके बाद स्वर्ण पदक के रूप में मौजूदा खेलों में भारत का 71वां पदक जीता. भारतीय तीरंदाजों ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले ने मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में दक्षिण कोरिया की जोड़ी के खिलाफ सिर्फ एक अंक गंवाया और एशियाई खेलों की तीरंदाजी स्पर्धा में दूसरा स्वर्ण पदक जीता.
इसके साथ ही मौजूदा खेलों में भारत के चार पदक हो गए हैं जो इंचियोन 2014 में एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक सहित कुल तीन पदक के देश के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से बेहतर है.
भारत के मिशन प्रमुख भूपेंद्र सिंह बाजवा ने कहा,"मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि भारत ने एशियाई खेलों में पदक तालिका में 70 का आंकड़ा पार करके अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ अपनी छाप छोड़ी है और अभी और पदक आने बाकी हैं."
भारत ने एशियाई खेलों में अब तक का अपना सबसे बड़ा दल भेजा है और उसका लक्ष्य इस महाद्वीपीय प्रतियोगिात में 100 पदक के आंकड़े को पार करना है.
हांगझोउ एशियाई खेलों के लिए भारत ने 'अब की बार, सौ पार' नारा दिया है.
भारत ने अभी 16 स्वर्ण, 26 रजत और 29 कांस्य पदक जीते हैं जबकि चार दिन की प्रतियोगिताएं बाकी हैं.
यह भी पढ़ें: Asian Games 2023: महिला स्क्वाश टीम ने जीता ब्रॉन्ज, पिछली बार ऐसा था प्रदर्शन