बालोतरा (Balotra) में 2016 में शुरू हुई मृदा परीक्षण लैब पिछले 5 साल से बंद पड़ी है. तकनीकी विशेषज्ञों की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण किसानों को मिट्टी और पानी की जाँच के लिए जोधपुर (Jodhpur) जैसे दूरस्थ इलाकों में जाना पड़ता है. रिपोर्ट देर से मिलने से उनकी फसलें प्रभावित होती हैं. किसानों ने सरकार से लैब को जल्द चालू करने और तकनीकी स्टाफ व सुरक्षा के इंतजाम की मांग की है, ताकि वे खेती के लिए सही उर्वरक और पानी का उपयोग कर सकें.