प्रहलाद गर्ग (Prahlad Garg) , एक शिक्षक, ने कोरोना काल में गाय सेवा को अपना जीवन उद्देश्य बना लिया. उन्होंने अपने वेतन का 90% गायों की देखभाल में लगाया और 80 से अधिक गायों की सेवा शुरू की. उनका मानना है कि गाय हमारी आर्थिक रीढ़ और एक प्राकृतिक चिकित्सालय है. उन्होंने गायों के लिए औषधीय आहार दिया, जिससे दूध और घी की गुणवत्ता बढ़ी. उनका लक्ष्य गाय पालन को आत्मनिर्भर बनाना और समाज में गाय के महत्व को बढ़ावा देना है.