Specialist Doctors Shortage in CHC: देश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दावे और मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी होने के बावजूद प्राथमिक (पीएचसी)और सामुदायिक (सीएचसी) चिकित्सालयों की सेहत ठीक नहीं है। शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों की हालत बहुत खराब है जहां करीब 68 फीसदी विशेषज्ञ डॉक्टरों की और 22 फीसदी सामान्य डॉक्टरों की कमी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों में यह तस्वीर सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण सीएचसी में स्वीकृत पदों की तुलना में सर्जन के 73 प्रतिशत, फिजीशियन के 69 प्रतिशत, शिशु रोग विशेषज्ञों के 68 प्रतिशत और प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों के 61 प्रतिशत पद खाली हैं। उल्लेखनीय है कि शिशु एवं मातृ मृत्यु दर के आंकड़े सुधार कर सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में ग्रामीण सीएचसी में शिशु रोग एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों की अहम भूमिका रहती.