Israel-Iran war: इजरायल-ईरान युद्ध (Israel-Iran war) के बीच सनसनी मचा देने वाली खबर आई है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ईरान के शीर्ष सैन्य प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी के इजरायली एजेंट होने का दावा किया है. इन खबरों में कानी के इजरायल की खुफिया एजेंसी से जुड़े होने की बात के साथ ही दावा किया गया है कि बेरूत में एक बंकर पर 4 अक्टूबर को इजरायल के हमले में हिजबुल्लाह (Hezbollah) नेता हसन नसरल्लाह की मौत में भी कानी का हाथ था. इजराइल की ओर से पेजर और वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट के जरिए हमला करने के मामले में भी कानी पर शक होने की बात कही गई है. खबर यह भी आई कि पूछताछ के दौरान कानी को दिल का दौरा भी पड़ा. लेकिन इन तमाम खबरों के बीच अब ईरान दूतावास का बड़ा बयान आया है.
ईरानी दूतावास ने बताया फर्जी खबर
भारत में ईरानी राजदूत ने कहा कि मीडिया में छप रही ये फर्जी खबर है और हम इस आरोप का खंडन करते हैं कि इस्माइल कानी एक मोसाद एजेंट हैं. हम ये भी बताना चाहेंगे कि आईआरजीसी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि लड़ाई में उनके योगदान के लिए उन्हें सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई शीर्ष सैन्य पदक भी देंगे.
इन सवालों के जवाब ढूंढ रहा ईरान!
रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 अक्टूबर को इस्माइल कानी, नसरल्लाह के उत्तराधिकारी माने जाने वाले हाशिम सैफ़ुद्दीन के साथ मीटिंग में था. तभी इजरायल ने हमला कर दिया और हिज्बुल्लाह चीफ मारा गया और हाशिम की भी मौत की पुष्टि हो गई. वहीं, कानी का कुछ भी पता नहीं चला. इसके बाद सवाल उठे कि इजरायल को टॉप हिजबुल्लाह लीडरों और कमांडरों की मीटिंग की जगह तथा वक्त के बारे में जानकारी कैसे मिली? ईरान इन्हीं सब बातों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है.
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