
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर की कमान भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के युवा अधिकारी हिमांशु गुप्ता के हाथ में है. 2012 बैच के IAS हिमांशु इससे पहले बाड़मेर, बीकानेर, जालौर और भरतपुर के जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. इस वक्त राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े शहर का जिम्मा युवा IAS के कंधों पर है.
हिमांशु गुप्ता का जन्म 16 अक्टूबर, 1987 को हुआ था. पंजाब के लुधियाना जिले में इनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई, और उन्होंने राजस्थान स्थित BITS पिलानी से बीई (ऑनर्स) (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल्स) की उपाधि हासिल की. वर्ष 2011 में UPSC की परीक्षा दी, और वर्ष 2012 में ऑल इंडिया 7वीं रैंक लाकर IAS बने. उन्हें खेलना पसंद है और प्रतिदिन सुबह टेनिस खेलते हैं.
NDTV राजस्थान से खास बातचीत में जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उन्हें कई पोस्टिंग अब तक मिल चुकी हैं, और वह चार जिलों में कलेक्टर के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. उनका प्रोबेशन श्रीगंगानगर से शुरू हुआ था, और उसके बाद वह धौलपुर में SDM, तथा अलवर UIT सचिव भी रहे हैं. इसके अलावा, वह अजमेर नगर निगम में कमिश्नर तथा बीकानेर एजुकेशन डायरेक्टर रह चुके हैं. वैसे, हिमांशु बाड़मेर, जालौर और भरतपुर में कलेक्टर रहने के बाद अब जोधपुर के कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं.
कार्यकाल के दौरान हासिल की गई बड़ी उपलब्धि के बारे में पूछे जाने पर हंसते हुए हिमांशु गुप्ता ने कहा, "मुख्यमंत्री के गृह जिले में पोस्टिंग मिलना बड़ी बात है...?" लेकिन तुरंत ही बोले, सरकार के निर्देशों का अनुपालन करना और उननके क्रियान्वयन को मॉनिटर करना उनका प्रमुख दायित्व और उपलब्धि है.
जिले के सरकारी विभागों में वर्क कल्चर के प्रश्न के उत्तर में हिमांशु गुप्ता ने कहा, "वर्क कल्चर बहुत अच्छा है... हम हर कार्य को एक लक्ष्य के रूप में लेकर टीम भावना के साथ काम करते हैं..."
प्रशासनिक अधिकारी के रूप में आने वाली परेशानियों से कैसे निपटा जाए, इस पर हिमांशु ने कहा, प्रशासनिक लाइफ में हमेशा कुछ न कुछ चुनौतियां आती रहती हैं, और सहजता से उनका समाधान कर आगे बढ़ना ज़रूरी होता है..."
जिला कलेक्टर के रूप में अवकाश के दिनों की पसंदीदा गतिविधि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हम 24 घंटे वाले सरकारी नौकर हैं, लेकिन जब भी समय मिल पाता है, परिवार और बच्चों के साथ रहना सबसे ज़्यादा है..."
अब तक के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि के बारे में पूछने पर हिमांशु ने कहा, "हर कार्यकाल में उपलब्धियां तो रही ही हैं... अलवर में UIT सचिव रहते हुए पार्क बनवाया था... इसी तरह अलग-अलग पदों पर रहते हुए कई महत्वपूर्ण कार्य करवाए हैं..."
कलेक्टर के रूप में जिले की तरक्की की योजना पूछे जाने पर हिमांशु बोले, "प्रदेश के मुख्यमंत्री के बजट में घोषित परियोजनाओं का अनुपालन करना और उनका समय पर लोकार्पण करवाना सबसे बड़ा चैलेंज है... इसके अलावा चुनाव भी आ रहे हैं, जो बड़ी चुनौती हो सकते हैं, लेकिन उम्मीद है, वह भी अच्छी तरह निपट जाएंगे..."
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