Rajasthan News: राजस्थान में राज बदलने के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को बदल दिया गया. जिसके तहत प्रतापगढ़ के जिला कलेक्टर डा. इंद्रजीत यादव को बांसवाड़ा जिले के नए जिला कलेक्टर के रूप में कार्यभार सौंपा गया है. कार्यभार ग्रहण के बाद उन्होंने जनजाति जिले में अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों के विकास के लिए काम करना शुरू कर दिया है. आइए हम जानते हैं कि कौन हैं नए जिला कलेक्टर और क्या है जिले के लिए उनकी विकास की योजनाएं.
MBBS की पढ़ाई पूरी कर बनें अफसर
जिला कलेक्टर डा. इंद्रजीत यादव ने बताया कि वह मूल रूप से हरियाणा नारनौल जिले के कादीपूरी गांव के रहने वाले हैं और उन्होंने अपनी 12 वीं तक की शिक्षा हरियाणा बोर्ड से पूरी की. इसके बाद उन्होंने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली से MBBS किया. उन्होंने जनरल सर्जरी में MS लेडी हार्डिया मेडिकल कॉलेज से पूरा किया.
उपखंड अधिकारी से शुरू हुआ सफर
प्रशासनिक सेवा में चयन होने के बाद और विभागीय प्रशिक्षण के उपरांत डा. इंद्रजीत यादव को पहली पोस्टिंग उपखंड अधिकारी के तौर पर नागौर जिले के खींवसर में नियुक्त किया गया. इसके बाद उन्होंने जोधपुर में जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर भी काम किया. वहीं, उन्होंने जोधपुर नगर निगम में आयुक्त के रूप में काम किया.
तीनों जिलों में काम करने वाले पहले अफसर
डा. इंद्रजीत यादव शायद प्रदेश के एक मात्र प्रशासनिक अधिकारी होंगे, जिनको बांसवाड़ा संभाग के तीनों जिलों में जिला कलेक्टर के रूप में काम करने का मौका मिला है. जुलाई 2022 में डूंगरपुर उन्होंने जिले की कमान संभाली थी, इसके बाद अक्टूबर 2022 में ही प्रतापगढ़ जिला कलेक्टर का कार्यभार सौंपा गया. यहां करीब 14 महीने काम करने के बाद अब बांसवाड़ा जिला कलेक्टर के तौर पर नियुक्त किया गया है.
अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को मिले लाभ
जिला कलेक्टर डा. इंद्रजीत यादव ने बताया कि तीनों ही जिलों की भौगोलिक और सामाजिक स्थिति एक जैसी ही है. इसलिए वो यहां की समस्याओं से वह वाकिफ हैं. उन्होंने बताया कि उनका एक ही ध्येय है कि किस तरह से समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले वह इसके लिए पूरी गंभीरता से काम करेंगे.
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