
करौली जिला बीहड़ों से लेकर बागी और बंदूक के लिए चर्चित है. ऐसे में यह इलाका पुलिस और पुलिस महकमे के अधिकारियों के लिए हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है. फिलहाल ममता गुप्ता करौली की पुलिस अधीक्षक हैं. आईपीएस में चयनित होने के बाद ममता गुप्ता की पहली पोस्टिंग भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय में हुई थी. इसके बाद आरएसी में कमांडेंट, बूंदी जिले में एसपी और जयपुर में पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड में सेवाएं देने के बाद उन्हें सिरोही में एसपी के पद पर लगाया गया. इसके बाद उन्हें करौली में बतौर एसपी नियुक्त किया गया है.
एनडीटीवी के साथ बातचीत में एसपी ममता गुप्ता ने कहा कि करौली जिले में एक्टिव पुलिसिंग की आवश्यकता है. करौली जिले में नवनियुक्त तीसरी महिला पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने कहा कि शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का पहला उद्देश्य है. जब उनसे विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण चुनाव कराने के साथ ही अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस प्लान तैयार किया जाएगा. इसके लिए अभी से रूट चार्ट तैयार करना शुरू कर दिया है.
करौली 1998 में जिला बना था. ममता गुप्ता करौली की 25वीं एसपी हैं. उन्होंने कहा कि संगठित और गंभीर प्रवृत्ति के अपराधियों के साथ ही तस्करी और अवैध शराब का कारोबार रोकने के लिए काम किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि महिला अत्याचार के प्रकरणों का डे टु डे निस्तारण किया जाएगा. जिलेवासियों के लिए अनुशासित एवं साफ-सुथरी पुलिसिंग देना प्राथमिकता है. इसमें आमजन का सहयोग भी जरूरी है.
करौली एसपी बनने के अब तक के अनुभव को उन्होंने बेहतरीन बताया और कहा कि आगे का आगे देखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि आम चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. प्लान भी तैयार कर लिया है, जिसके तहत ही आवश्यक कार्यवाही शुरू की जाएगी. चिन्हित लोगों के खिलाफ जल्द ही कार्यवाही और उनका चिह्निकरण भी किया जाएगा.
महिला एसपी के तौर पर महिलाओं के लिए विशेष पुलिसिंग की व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि महिला अत्याचार के प्रकरणों का लगभग 2 महीने के अंदर पूरी तरह निस्तारण करना मुख्य उद्देश्य है. भारत सरकार और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सुरक्षित माहौल प्रदान करने की पूरी कोशिश रहेगी.
युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के प्लान को लेकर उन्होंने कहा कि करौली जिले में नशे की रोकथाम को लेकर जिला कलेक्टर के साथ बैठक में भी चर्चा की गई थी. निश्चित तौर पर इससे युवाओं को बचाने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए जिले में स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से प्रचार प्रसार किया जाएगा. साथ ही गांव, मोहल्ले और ढाणी में लोगों को समझाया जाएगा.
अपने करौली जिले में आने के बाद के अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने जिले भर का भ्रमण किया. सभी पुलिस थाने, सर्किल ऑफिस में जाकर पुलिस के अधिकारियों और जवानों से चर्चा की. उसमें लंबित प्रकरणों के निस्तारण के अलावा व्यवस्था में सुधार के लिए सीओ और एसएचओ को निर्देशित किया गया. मेरे आने के बाद करौली जिले में एक से एक बढ़कर कर कार्यवाही भी हो रही है.