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This Article is From Aug 20, 2023

दबंग पुलिस अधीक्षक, SP हनुमानगढ़ : IPS सुधीर चौधरी

36 वर्षीय सुधीर चौधरी 2015 बैच के IPS हैं. मूल रूप से सीकर के रहने वाले हैं. बीटेक तक शिक्षित सुधीर चौधरी राजसमंद से पहले एसपी के तौर पर सवाई माधोपुर व एसीबी कोटा में रह चुके हैं. इससे पहले ट्रेनिंग के दौरान सहायक पुलिस अधीक्षक आयुक्तालय जोधपुर, गंगरार चितौड़गढ़, भरतपुर में सेवारत रह चुके हैं.

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दबंग पुलिस अधीक्षक, SP हनुमानगढ़ : IPS सुधीर चौधरी

IPS सुधीर चौधरी, जिन्होंने अपने कार्यों से कई मामलों में सफलता हासिल की है, अब हनुमानगढ़ में पुलिस अधीक्षक के रूप में काम कर रहे हैं। उनका योगदान न केवल अपराधियों की गिरफ्तारी में है, बल्कि उनकी शिक्षा, शोध और खेल के प्रति रुचि भी महत्वपूर्ण है। उनकी प्रेरणाशील गाथा हम सभी के लिए एक उदाहरण है।

शुरुवाती शिक्षा और जीवन:

2015 बैच के IPS सुधीर चौधरी का जन्म सीकर जिले के श्रीमाधोपुर तहसील के गांव बागरिया बास में हुआ था. उनके पिता लक्ष्मण राम कृषि विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा श्रीमाधोपुर से प्रारंभ की और फिर बूंदी, जयपुर, और कोटा में पूरी की. उन्होंने अपने उच्च शिक्षा  IIT रुड़की से कर B.Tech की डिग्री हासिल की. उन्होंने B.Tech पूरा करने के बाद एक साल कॉर्पोरेट सेक्टर में काम किया, लेकिन उनका दिल पुलिस सेवा में था. 2012 में उन्हें "मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस" में चयनित किया गया और अगले वर्ष "भारतीय वन सेवा" में. अंत में, 2014 में "भारतीय पुलिस सेवा" में चयनित होकर उन्होंने 2015 बैच में राजस्थान कैडर के IPS अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं शुरू की. 

साक्षरता और शोध के प्रति प्रेम:

उन्होंने विभिन्न कांफ्रेंसों में शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं और उन्होंने साइबर क्राइम और तकनीकी विकास पर भी अपने विचार प्रस्तुत किए हैं. उनकी शिक्षा के दौरान उन्होंने अपने साथी छात्र विदित गौड़ के साथ एक रिसर्च प्रोजेक्ट में भाग लिया, जिसमें उन्होंने पहियों में डिस्क ब्रेक तकनीक पर रिसर्च प्रदर्शित किया. उन्होंने एक और रिसर्च "कम्फर्ट मेकेनिकल वाइब्रेशन" को भी पूरा किया, जिसे विभिन्न अग्रणी संस्थानों ने सम्मानित किया.

क्रिप्टो करेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर पकड़

2023 में उन्होंने "क्राउड कंट्रोल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" के इस्तेमाल पर एक शोध पत्र बनाया और इसे डीजीपी उत्तर प्रदेश के सामने प्रस्तुत किया. उन्होंने क्रिप्टो करेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर भी शोध पत्र लिखा है. उन्होंने भारतीय लॉ इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित "कन्फेशन और रिकवरी" विषय पर कांफ्रेंस में भी भाग लिया है. इसके अलावा "राजस्थान ज्यूडिशियल अकादमी" में आयोजित कार्यशाला में साइबर क्राइम पर भी व्याख्यान दे चुके है.

जीवन में सामाजिक योगदान:

सुधीर चौधरी का योगदान सिर्फ पुलिस सेवा में ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने समाज के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. चौधरी के अभी तक के कार्यकाल में राजसमंद में तैनाती के दौरान उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैया लाल हत्या कांड के आरोपियों को महज 5 घंटे में न सिर्फ गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी, बल्कि गिरफ्तारी के बाद सबूत एकत्र कर आरोपियों के पाकिस्तान कनेक्शन को भी चंद दिनों में ही साबित कर दिया था, जिस पर सुधीर चौधरी को पुलिस मुख्यालय ने डीजीपी डिस्क से सम्मानित किया था.

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उन्होंने रणथंभोर नेशनल पार्क में बहुचर्चित सांभर शिकार प्रकरण में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया और वन्यजीवों की रक्षा की. उनके कार्यकाल में भारतीय पुलिस सेवा में कई मामलों की सफल जांच की गई है, जैसे कि फिल्म अभिनेता सलमान खान के ट्रायल के दौरान जान से मारने की धमकी के मामले में लारेंस बिश्नोई गैंग का परिचायक होना और आशाराम केस में मेडिकल सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा प्रकट करना. उनके कार्यकाल में, उन्होंने समाज की सुरक्षा में अपने योगदान के साथ-साथ युवाओं को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है. युवाओं के लिए उनका संदेश है कि वे नशे से दूर रहें, शिक्षा में समर्पित रहें और नियमित व्यायाम करें, ताकि वे अपने भविष्य में सफलता की ओर बढ़ सकें.

उनके कार्यकाल में भारतीय पुलिस सेवा में कई मामलों की सफल जांच की गई है, जैसे कि फिल्म अभिनेता सलमान खान के ट्रायल के दौरान जान से मारने की धमकी के मामले में लारेंस बिश्नोई गैंग का परिचायक होना और आशाराम केस में मेडिकल सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा प्रकट करना. उनके कार्यकाल में, उन्होंने समाज की सुरक्षा में अपने योगदान के साथ-साथ युवाओं को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है.

खेलो में रूचि:

IPS सुधीर चौधरी के दिन की शुरुआत एक्सरसाइज, फुटबाल, बैडमिंटन, ट्रैकिंग और टेनिस जैसे खेल से शुरू होती है. सुधीर IIT रुड़की में B.tech के दौरान टेनिस टीम के कप्तान थे और भारतीय पुलिस अकादमी में टेनिस सिंगल्स में गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं. IPS चौधरी व्यायाम और खेल को जीवनचर्या का एक अभिन्न हिस्सा मानते है. सुधीर पुलिस कार्यों की व्यस्तता के चलते अगर सुबह का व्यायाम ना कर पाए तो शाम को किसी भी समय उस दिन का व्यायाम करना नहीं भूलते.

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IPS सुधीर चौधरी की जीवन गाथा एक प्रेरणास्रोत है, जो हमें यह सिखाती है कि मेहनत, संघर्ष और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी पुलिस सेवा में की गई महत्वपूर्ण योगदान ने न केवल समाज की सुरक्षा में मदद की, बल्कि युवाओं को उनके सपनों की पुरी करने की प्रेरणा दी। वे एक सफल पुलिस अधिकारी होने के साथ-साथ एक महान व्यक्तित्व भी हैं, जिन्होंने अपने योगदान से समाज को नया दिशा देने में सहायक साबित होते हैं.

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