JEE Main Admit Card: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जा रही देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE Main जनवरी सत्र के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं. इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE Main 22 जनवरी को नए प्रारूप में आयोजित की जाएगी. परीक्षा 5 दिनों में 10 शिफ्ट में आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा की प्रत्येक शिफ्ट में 1 लाख 20 हजार से अधिक छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है.
11 शिफ्टों में 331 शहरों में बने JEE Main के एग्जाम सेंटर
परीक्षा 22 जनवरी से शुरू हो रही है. और 29 जनवरी तक चलेगी. इस दौरान यह एग्जाम कम्प्यूटर बेस्ड होंगे. जिसे 11 शिफ्टों में देश- विदेश के 331 शहरों के परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया जाएगा. इसमें 22 से 30 जनवरी के मध्य 10 शिफ्टों में बीई-बीटेक एवं 30 जनवरी को एक शिफ्ट में बीआर्क की परीक्षा होगी. JEE Main के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा रविवार को एडमिट कार्ड रिलीज करने के साथ ही नोटिफिकेशन भी जारी किया गया. जिसे NTA की ऑफिश्यली साइट nta.nic.in पर जाकर डाउलोड किया जा सकता है. इसमें स्पष्ट किया गया है कि 22 से 24 जनवरी के बाद होने वाली परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के एडमिट कार्ड परीक्षा दिन से दो दिन पूर्व जारी किए जाएंगे.
JEE Main के प्रश्न पत्र के पार्ट-बी में ऑप्शन नहीं
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने JEE Main के नए प्रारूप को लेकर छात्रों के मन में उठ रहे कई सवालों के जवाब देने की कोशिश की है. उन्होंने बताया कि इससे अभ्यर्थियों को परीक्षा देने में आसानी होगी. नए प्रारूप में प्रश्नपत्र के पार्ट-बी में छात्रों के पास विकल्प नहीं होंगे. इसमें 5 प्रश्न होंगे और सभी प्रश्न अनिवार्य होंगे. पिछले साल तक पार्ट-बी में 10 में से किन्हीं 5 प्रश्नों को हल करने का विकल्प होता था.
दो सालों के प्रश्नपत्रों का किया आकंलन
देव शर्मा ने आगे बताया कि जेईई-मेन प्रवेश परीक्षा के पिछले दो सालों के प्रश्नपत्रों के आंकलन से पता चलता है कि प्रश्नपत्र नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-एनईपी, 2020 के तहत नहीं बने थे.उन्होंने कहा,"एनईपी-2020 के अनुसार प्रश्नपत्रों में विश्लेषणात्मक और ज्ञान आधारित प्रश्नों का बैलेंस होना जरूरी है जिससे विद्यार्थियों में विषय-वस्तु को 'रटने' के चलन को रोककर समझने के भाव को बढ़ाया जा सके. लेकिन पिछले दो-सालों से फिजिक्स तथा केमिस्ट्री विषयों में अधिकतर सवाल 'फार्मूला तथा फैक्ट' बेस्ड ही पूछे जा रहे हैं, जिसके कारण प्रश्नों की संख्या कई-कई शिफ्टों में तो लगभग न के बराबर है."
2024 में NTA पर उठे थे कई सवाल
बता दें कि पिछले साल 2024 NTA की शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कई सवाल उठे थे. साल जनवरी 2024 सत्र की कई पालियों में आयोजित होने वाली परीक्षा के प्रश्नपत्रों के 'स्तर' में भारी अंतर के कारण छात्रों, अभिभावकों और शिक्षाविदों में व्यापक रोष था.इसे देखते हुए एनटीए को पिछले साल फरवरी में आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा था.
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