
Rajasthan News: बाड़मेर जिले के इन युवाओं के लिए परीक्षा में अच्छी रैंक लाना और बाड़मेर का होना जैसे अभिसाप साबित हो रहा है. इन लोगों को बाड़मेर का वासी होने का और अच्छी रैंक लाने की सजा मिल रही है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इन युवाओं ने आरपीएससी द्वारा आयोजित हिंदी व्याख्याता परीक्षा में टॉप 100 रैंकिंग लाकर परीक्षा पास की है. अभ्यर्थियों का आरोप कि सिर्फ बाड़मेर का होने का वजह से वंचित रखा जा रहा है.
'दूसरों को भुगतना पड़ता खामियाजा'
अभ्यर्थियों को काउंसलिंग से वंचित रखा जा रहा है. इसी के चलते अभ्यर्थियों में रोज व्याप्त हो गया और टॉप 100 रैंकिंग के अभ्यर्थियों ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से इन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में शामिल करने की मांग की. ज्ञापन देने आए इन अभ्यर्थियों का आरोप है कि आरपीएससी द्वारा क्षेत्र विशेष को टारगेट करके हम लोगों को काउंसलिंग से वंचित रखा जा रहा है. जिसके चलते इनका भविष्य अंधेरे में लटक रहा है. इनका कहना है कि पेपर लीक जैसे पाप करता कोई और है और उसका खामियाजा किसी और को भुगतना पड़ता है.
'भविष्य के साथ न करें खिलवाड़'
अभ्यर्थियों का कहना है कि बाड़मेर जिले के 22 और जालौर के 26 अभ्यर्थियों को काउंसलिंग से वंचित रखा जा रहा है. इनका कहना है कि आरपीएससी जांच कर ले यदि वे दोषी पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध जरूर कार्रवाई करे, लेकिन जब तक जांच चलती है तब तक उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करते हुए उन्हें काउंसलिंग में शामिल किया जाए.
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