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Rajasthan: जोधपुर जेल के अंदर सोनम वांगचुक, बाहर शख़्स ने 'वांगचुक ज़िंदाबाद' के नारे लगाए; गिरफ्तार 

पुलिस सूत्रों ने NDTV को बताया कि विजयपाल एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो पहले जयपुर में प्रसिद्ध कार्यकर्ता गुरशरण सिंह छाबड़ा के साथ शराब की दुकानों के विरोध में प्रदर्शन कर चुके हैं. सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल और उसके आसपास की सुरक्षा को और सख्त कर दिया गया है.

Rajasthan: जोधपुर जेल के अंदर सोनम वांगचुक, बाहर शख़्स ने 'वांगचुक ज़िंदाबाद' के नारे लगाए; गिरफ्तार 
जोधापुर जेल के बाहर विजयपाल ने वांगचुक के पक्ष में नारे लगाए.

Jodhpur News: लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जोधपुर जेल में बंद हैं।शनिवार सुबह 10:20 बजे जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर सुजानगढ़ से एक 50 वर्षीय व्यक्ति जेल से बाहर आया. वह 'भारत माता की जय' और 'सोनम वांगचुक ज़िंदाबाद' के नारे लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे.स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए विजयपाल को हिरासत में  लिया और जब उन्हें पुलिस की गाड़ी में बिठाने की कोशिश की गई, तो उन्होंने मना कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उन्हें जबरन हटाया गया, तो वे भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे. इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर उन्हें एक प्राइवेट वाहन से जोधपुर के रतनाड़ा थाने में हिरासत में रखा.

पुलिस सूत्रों ने NDTV को बताया कि विजयपाल एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो पहले जयपुर में प्रसिद्ध कार्यकर्ता गुरशरण सिंह छाबड़ा के साथ शराब की दुकानों के विरोध में प्रदर्शन कर चुके हैं. सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल और उसके आसपास की सुरक्षा को और सख्त कर दिया गया है. उन्हें शुक्रवार रात लेह/लद्दाख से एक गुप्त और त्वरित ऑपरेशन के तहत जोधपुर लाया गया.

वांगचुक को बुलेटप्रूफ वाहन में लाया गया

NDTV को पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर के पुलिस आयुक्त स्वयं इस काफिले में शामिल थे ताकि वांगचुक को सुरक्षित जेल तक पहुंचाया जा सके. माना जा रहा है कि वांगचुक को बुलेटप्रूफ वाहन में लाया गया, जिसकी खिड़कियों पर काली फिल्म चढ़ी हुई थी ताकि पहचान न हो सके. हालांकि पुलिस इस बात पर चुप्पी साधे हुए है कि आखिर सोनम वांगचुक को रखने के लिए जोधपुर को क्यों चुना गया, लेकिन सुरक्षा के नजरिए से यह साफ है कि लद्दाख से हजारों किलोमीटर दूर जोधपुर में उनके समर्थकों के लिए जुटना मुश्किल होगा.

सोनम वांगचुक को एक अकेले सेल में रखा जाएगा

जोधपुर जेल अपनी कड़ी तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए जानी जाती है. राजस्थान में जोधपुर और अजमेर जेल ही हाई सिक्योरिटी कैदियों को रखने के लिए सबसे भरोसेमंद मानी जाती हैं. यहां सोनम वांगचुक को एक अकेले सेल में रखा गया है, जिसकी लगातार सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है. वर्तमान में आसाराम भी इसी जेल में बंद हैं. यह जेल ब्रिटिश काल की बनी हुई है और 1980 के दशक में जब पंजाब आतंकी आंदोलन के आरोपियों को यहां लाया गया था, तब इसकी सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई थी.

फिल्म अभिनेता सलमान खान, जिन्हें काले हिरण के शिकार के मामले में दोषी ठहराया गया था, ने भी इस जेल में 5 दिन बिताए थे. इस जेल में कई राजनीतिक कैदी, आतंकवादी और इंडियन मुजाहिदीन के दोषी सदस्य, साथ ही जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन भी रह चुके हैं. वर्तमान में इस जेल की बैरकों में लगभग 1400 कैदी बंद हैं.

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